मनीष सिसोदिया को नहीं मिली राहत, कोर्ट ने आबकारी नीति मामले में न्यायिक हिरासत बढ़ाई

दिल्ली के आबकारी नीति मामले में पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की न्यायिक हिरासत बढ़ा दी गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार (17 अप्रैल) को मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत सीबीआई (CBI) मामले में 27 अप्रैल तक और ईडी (ED) मामले में 29 अप्रैल तक बढ़ा दी है. कोर्ट ने ईडी के वकील की दलीलों पर भी गौर किया कि एजेंसी इस महीने के अंत तक चार्जशीट (अभियोजन शिकायत) दाखिल करने जा रही है.

आबकारी घोटाला मामले में मनीष सिसोदिया के साथ आरोपी अरुण रामचन्द्र पिल्लई और अमनदीप ढल की न्यायिक हिरासत भी बढ़ा दी गई है. राउज एवेन्यू कोर्ट ने ईडी की ओर से दर्ज किए गए मामले में अरुण पिल्लई और अमनदीप ढल की न्यायिक हिरासत 29 अप्रैल तक बढ़ा दी है.

सिसोदिया को 26 फरवरी को किया था गिरफ्तार

आप नेता मनीष सिसोदिया को इस मामले में करीब आठ घंटे की पूछताछ के बाद 26 फरवरी को गिरफ्तार कर लिया गया था और अधिकारियों ने कहा था कि उनके जवाब संतोषजनक
नहीं थे. बाद में उन्होंने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. सीबीआई ने बीते दिन ही आबकारी नीति घोटाला मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से करीब नौ घंटे तक पूछताछ की थी.

पूछताछ के बाद क्या बोले केजरीवाल?

सीबीआई पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा था कि सीबीआई ने आबकारी नीति मामले में उनसे करीब 56 सवाल पूछे और उन्होंने इन सभी के जवाब दिए. केजरीवाल ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि आबकारी नीति का पूरा मामला फर्जी है. उनके पास कोई सबूत नहीं है कि आम आदमी पार्टी गलत है. यह गंदी राजनीति का नतीजा है. उन्होंने (सीबीआई) मुझसे दोस्ताना और सौहार्दपूर्ण तरीके से सवाल पूछे. मैंने उनकी ओर से पूछे गए सभी सवालों का जवाब दिया.

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