पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं

नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस अशोक भूषण ने गायत्री प्रजापति को अस्पताल में रहने की अनुमति देने से भी इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि गायत्री प्रजापति अस्पताल में आदेशों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

कोर्ट ने पिछले 21 सितंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिली अंतरिम ज़मानत पर रोक लगा दी थी। उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दाखिल की है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले 5 सितंबर को गायत्री प्रजापति दो महीने की अंतरिम ज़मानत पर रिहा करने का आदेश दिया था।

सुप्रीम कोर्ट ने 17 फरवरी 2017 को प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के एफआईआर दर्ज करने के निर्देश के बाद 15 मार्च 2017 को गायत्री प्रजापति को लखनऊ से गिरफ्तार किया गया था। 24 अप्रैल 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पुलिस को निर्देश दिया था कि गायत्री प्रजापति मामले में पीड़िता और उसके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए।

पीड़ित महिला समाजवादी पार्टी की कार्यकर्ता है। उसके मुताबिक गायत्री प्रजापति ने 2014 से जुलाई 2016 तक 2 साल उसके साथ लगातार रेप किया। प्रजापति और उनके सहयोगियों ने कुछ मौकों पर उसके साथ सामूहिक रेप भी किया। जब प्रजापति ने उसकी 14 साल की बेटी के साथ बलात्कार की कोशिश की तब उसने पुलिस में शिकायत की। कोई कार्रवाई न होने पर उसने 7 अक्टूबर 2016 को प्रदेश के डीजीपी से भी शिकायत की लेकिन वहां भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। तब उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था जिसके बाद प्रजापति के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिेए गए थे।

Related Articles

Back to top button