इंदिरा गांधी से लेकर अटल बिहारी वाजपेयी तक को मिला ‘लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार’, अब ‘नितिन गडकरी’ की बारी !

देश के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार 2025 से सम्मानित किया जाएगा। यह प्रतिष्ठित पुरस्कार पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मिला था, और अब गडकरी को यह सम्मान उनकी सुशासन और ‘स्वदेशी’ के प्रति प्रतिबद्धता के लिए दिया जा रहा है। यह घोषणा लोकमान्य तिलक स्मारक ट्रस्ट के अध्यक्ष रोहित तिलक ने बुधवार को की।
1 अगस्त को पुणे में होगा पुरस्कार समारोह
1 अगस्त, जो लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की पुण्यतिथि भी है, को यह पुरस्कार समारोह पुणे के तिलक स्मारक मंदिर में आयोजित किया जाएगा। समारोह में कई प्रमुख हस्तियों की उपस्थिति होगी, जिनमें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार, तथा पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशीलकुमार शिंदे शामिल होंगे।
सड़क नेटवर्क और PPP मॉडल की सराहना
रोहित तिलक ने कहा कि नितिन गडकरी ने लोकमान्य तिलक के सिद्धांतों को अपने काम के जरिए जीवंत रखा है। उन्होंने ‘स्वदेशी’ के विचार को आगे बढ़ाते हुए देशभर में सड़क नेटवर्क के निर्माण में अग्रणी भूमिका निभाई है। गडकरी ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल को सफलतापूर्वक लागू कर सड़क अवसंरचना को नई दिशा दी है।
पहले किन-किन हस्तियों को मिला यह पुरस्कार?
1983 में स्थापित लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार को अब तक देश की कई महान हस्तियों को दिया जा चुका है। इसमें पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी, डॉ. मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम शामिल है। यह पुरस्कार राजनीति, विज्ञान, व्यापार और पत्रकारिता जैसे विविध क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वालों को दिया जाता है।
तिलक की सोच और गडकरी की नीति में साम्यता
नितिन गडकरी को यह पुरस्कार मिलना न केवल उनकी कार्यशैली की स्वीकृति है, बल्कि यह एक राजनीतिक संदेश भी देता है कि ‘विकास और स्वदेशी’ आज भी प्रासंगिक हैं। यह पुरस्कार समारोह भारतीय लोकतंत्र की कार्यक्षमता और उसकी प्रेरणादायक नेतृत्व क्षमता को भी दर्शाता है।