नितिन गडकरी की इमोशनल स्टोरी Viral.. तो इसलिए भारत में आया ई-रिक्शा, सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी लड़ाई

 

न्यूज़ नशा के रोड सेफ्टी इवेंट में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने ई-रिक्शा की शुरुआत की प्रेरणा और इसके पीछे की संघर्ष गाथा साझा की। उन्होंने बताया कि कैसे उनके बचपन के एक दृश्य ने उन्हें यह क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए प्रेरित किया।

बचपन की पीड़ा से मिली प्रेरणा: “आदमी आदमी को खींचता है”

न्यूज़ नशा द्वारा आयोजित रोड सेफ्टी और यात्रा कवच इवेंट में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने एक बेहद संवेदनशील और प्रेरणादायक किस्सा साझा किया। एंकर विनीता यादव द्वारा पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा,

“मैंने बचपन से देखा कि आदमी ही आदमी को खींचता है — कोई कंधे पर, तो कोई रिक्शे में। ये दृश्य मुझे बहुत तकलीफ देता था।”

उन्होंने बताया कि 2014 में जब वे मंत्री बने, तभी उन्होंने मन में ठान लिया था कि इस अमानवीय प्रथा को खत्म करना है और इसके लिए तकनीकी समाधान खोजना होगा।

ई-रिक्शा का विचार और उसका क्रियान्वयन

गडकरी ने कहा कि इस दर्दनाक दृश्य से निकलकर उन्होंने ‘मेकनाइज्ड रिक्शा’ यानी ई-रिक्शा का आइडिया सामने रखा और उस पर गंभीरता से काम शुरू किया।

“मेरी इच्छा थी कि मेकनाइज्ड रिक्शा लाया जाए, और इसके बाद हमने इस पर काम किया। आज करोड़ों लोग हाथ से रिक्शा खींचने की जगह ई-रिक्शा चला रहे हैं।”

उनका मानना है कि इससे न सिर्फ शोषण खत्म हुआ है, बल्कि मेहनतकश लोगों को आत्मसम्मान के साथ रोज़गार करने का मौका मिला है।

ई-रिक्शा बना रोज़गार का नया जरिया

गडकरी ने बताया कि ई-रिक्शा केवल सवारी ढोने का साधन नहीं रहा, बल्कि इससे अनेक लोगों ने उद्यमिता की शुरुआत की है।

“किसी ने उसमें पानीपूरी की दुकान लगाई है, किसी ने छोटा सा चाइनीज फूड कॉर्नर बना लिया है, तो कोई चलता-फिरता रेस्टोरेंट चला रहा है।”

इससे यह स्पष्ट होता है कि ई-रिक्शा एक तकनीकी साधन से आगे बढ़कर रोजगार सृजन का सशक्त माध्यम बन चुका है। छोटे व्यवसायों के लिए यह एक चलती-फिरती दुकान बन गया है।

ई-रिक्शा को वैधता दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक लड़ी लड़ाई

गडकरी ने बताया कि ई-रिक्शा को मान्यता दिलाने और इसे कानूनी दर्जा देने के लिए उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना पड़ा।

“इसके लिए मैंने सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी है।”

उन्होंने यह भी कहा कि अब वे ई-रिक्शा में और भी तकनीकी सुधार ला रहे हैं ताकि यह और अधिक सुरक्षित और उपयोगी बन सके।

रोड सेफ्टी और यात्रा कवच इवेंट में हुई महत्वपूर्ण चर्चा

इस मौके पर न्यूज़ नशा द्वारा आयोजित ‘रोड सेफ्टी और यात्रा कवच’ कार्यक्रम में सड़क सुरक्षा, यात्रियों की सुरक्षा, और ट्रांसपोर्ट इनोवेशन पर भी महत्वपूर्ण संवाद हुआ।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति और उनके विचारों ने इस कार्यक्रम को सार्थक और प्रेरक बना दिया।

तकनीक और संवेदना के संगम से आई ई-रिक्शा क्रांति

ई-रिक्शा सिर्फ एक इलेक्ट्रिक वाहन नहीं, बल्कि भारत के श्रमिक वर्ग को आत्मसम्मान, आजीविका और सुरक्षित भविष्य देने का माध्यम बन गया है। नितिन गडकरी द्वारा इसे वैचारिक रूप से जन्म देना और कानूनी लड़ाई के बाद इसे लागू कराना, उनकी दूरदर्शिता और संवेदनशील नेतृत्व का प्रमाण है।

 

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