UP: 500 रुपए की रिश्वत के आरोप ने ले ली ‘लेखपाल’ की जान.. निलंबन से आहत अधिकारी ने उठाया खौफनाक कदम

उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में रिश्वतखोरी के आरोपों से निलंबित लेखपाल सुभाष मीणा ने कथित रूप से जहरीला पदार्थ सेवन किया और वैशाली के मैक्स अस्पताल में बुधवार गुरुवार की दरम्यानी प्रातः 3:30 बजे मौत हो गई। घटना की जानकारी मिलते ही शासन-प्रशासन में हड़कंप मच गया।
रिश्वतखोरी के आरोप और निलंबन
घटना के कुछ सप्ताह पहले, गांव डहाना (धौलाना थाना) में लेखपाल पर खसरा-खतौनी की प्रति उपलब्ध कराने के नाम पर रिश्वत लेने का आरोप लगा था। शिकायतकर्ता ने ₹500 लेने का दावा किया, और डीएम ने तत्काल 3 जून को उन्हें निलंबित कर दिया था।
इसके बाद लेखपाल के खिलाफ 7 जुलाई को चार्जशीट दाखिल की गई, जिसमें जमीन के रिकॉर्डशिविरों में घूस लेने का विवरण था।
जहर सेवन, अस्पताल और मौत
बुधवार सुबह धौलाना तहसील भवन में लेखपाल कथित रूप से बैठ कर पानी मांगा, फिर जहरीला पदार्थ पी लिया। मौके पर मौजूद सहकर्मियों ने तुरंत इसकी सूचना परिवार को दी।
उसे रामा अस्पताल ले जाया गया और बाद में वैशाली के मैक्स अस्पताल में रेफर किया गया। लेकिन गुरुवार को उसकी मौत हो गई, जिससे परिवार और सहकर्मियों में शोक फैल गया।
सीएम योगी ने दी जांच का निर्देश
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामला गंभीरता से लेते हुए मेरठ डिविजनल कमिश्नर और IG Meerut को हाई-लेवल जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया है।
उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करेगी, न ही कर्मचारियों के साथ अन्याय”, साथ ही “लेखपाल की जल्द स्वस्थता हो और कोई कर्मचारी मानसिक कष्ट में न रहे”
विभागीय व कर्मचारी प्रतिक्रिया
लेखपाल संघ के सदस्यों और अधिकारियों ने अस्पताल परिसर में धरना दिया और परिवार के प्रति सहानुभूति जताई। उन्होंने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
हापुड़ पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच का आदेश दिया है, ताकि मौत के कारणों की पुष्टि हो सके।
UP के लेखपाल सुभाष मीणा की मौत में घूसकांड और मानसिक तनाव के बीच स्पष्ट संबंध दिखते हैं। यह घटना सरकारी तंत्र, भ्रष्टाचार विरोध नीति और कर्मचारी हित के बीच संतुलन की चुनौती भी पेश करती है।