प्रदर्शन में गैर कानूनी काम किया तो न नौकरी मिलेगी, न ठेका : CM नीतीश

बिहार सरकार (Bihar Goverment) ने एक नया फरमान जारी किया है, जिसके तहत अगर सरकार के खिलाफ कोई नागरिक किसी प्रदर्शन में शामिल होता है तो सरकार उसका चरित्र प्रमाण पत्र बिगाड़ सकती है मगर सीधा सा मतलब है कि अगर आपने बिहार सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया तो बिहार सरकार में आपकी कोई भी सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी, इसके अलावा सरकारी ठेका, हथियार का लाइसेंस और पासपोर्ट के लिए पुलिस सत्यापन में दिक्कत आ सकती है।

चरित्र प्रमाण के नियमों में किया बदलाव 
बता दें सरकार ने चरित्र प्रमाणपत्र के नियमों ने नया बदलाव किया है, सरकार ने इसमें  एक शामिल किया है कि राज्य का कोई नागरिक अगर कोई विधि व्यवस्था की स्थिति में सड़म जाम और विरोध प्रदर्शन करते हुए किसी भी तरह के अपराधिक कृत्य में शामिल होता है और उसके खिलाफ पुलिस चार्जशीट कर देती है तो ऐसा व्यक्ति किसी सरकारी नौकरी, सरकारी ठेके में शामिल होने लायक नहीं माना जाएगा।

सरकार विरोध प्रदर्शनों से डर रही है
माना जा रहा है कि सरकार ऐसा करके नागरिकों के लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना चाहती है, सरकार लोगो को विरोध प्रर्दशनों से डराना चाहती है ताकि लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन न करें। वहीं दूसरी तरफ विपक्षी पार्टियां भी ऐसा ही आरोप लगा रही है कि सरकार युवाओं से डर गई है। वह उन्हें चुप बैठाने के लिए धमका रही है।

सरकार लोकतांत्रिक अधिकारों का प्रयोग नही करने दे रही 
बता दें तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला करते हुए कहा है कि मुसोलिनी और हिटलर को चुनौती दे रहे हैं बिहार के मुख्यमंत्री कह रहे है कि किसी ने सत्ता व्यवस्था के विरुद्ध धरना-प्रदर्शन कर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया तो आपको नौकरी नहीं मिलेगी। मतलब नौकरी भी नहीं देंगे और विरोध भी प्रकट नहीं करने देंगे। बेचारे 40सीट के मुख्यमंत्री कितने डर रहे है ?

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