न मांझी, न तेजस्वी, न बीजेपी… नीतीश ने बीच का रास्ता निकाल लगा दिया मास्टरस्ट्रोक !

पटना. बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के बाद बिहार कैबिनेट में मंगलवार को एक महत्वपूर्ण फैसला लिया. नीतीश कैबिनेट ने बिहार में पंचायत चुनाव समय पर नहीं होने के कारण अब राज्य में पंचायत ग्राम कचहरी पंचायत समिति और जिला परिषद में परामर्श समिति के गठन का फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले के बाद स्पष्ट हो गया है कि बिहार में पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल का विस्तार नहीं किया जाएगा. अब नीतीश सरकार त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधि को किसी तरह का एक्सटेंशन देने नहीं जा रही है.

बिहार सरकार ने पंचायती राज अधिनियम 2006 में संशोधन किया है और अधिनियम की धारा 14, 39, 66, और 92 में संशोधन कर दिया गया है. नया अध्यादेश लाकर वर्तमान जनप्रतिनिधियों को शक्ति देने की योजना है. चर्चा यह भी है कि परामर्श समिति में अफसरों और विधायकों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाएगा.

सभी अटकलों पर लगा विराम

बता दें कि वर्तमान पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल 15 जून को समाप्त हो रहा है और जब तक अगला चुनाव नहीं होगा तब तक परामर्श समिति को ही वित्तीय अधिकार समेत सभी तरह की शक्तियां दी जाएंगी. हालांकि इसके पहले इस बात की भी चर्चा थी कि नीतीश सरकार पंचायत प्रतिनिधियों के कार्यकाल की समाप्ति के बाद अफसरों को पावर देने की तैयारी में है, लेकिन इन तमाम अटकलों पर विराम लग गया है.कार्यकाल बढाने पर खूब हुई राजनीति

गौरतलब है कि इस पूरे मामले को लेकर राजनीति भी हुई थी और भाजपा सांसद रामकृपाल यादव के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने पंचायत प्रतिनिधियों को एक्सटेंशन देने की मांग मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से की थी. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इनके कार्यकाल बढ़ाए जाने की मांग पुरजोर तरीके से की थी, लेकिन अब सरकार ने बीच का रास्ता निकाल लिया है और परमाणु समितियों में अफसरों को भी रखने की योजना बनाई गई है.

मांझी ने सीएम नीतीश को धन्यवाद दिया

अब जब सरकार ने फैसला ले लिया है तो पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने इसके लिए सीएम नीतीश को धन्यवाद दिया है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, समय पर पंचायत चुनाव नहीं होने के कारण पंचायतों में परामर्श समिति का गठन करने जैसे कैबिनेट फ़ैसले लेने के लिए माननीय नीतीश कुमार जी को धन्यवाद.

परामर्श समितियों में वर्तमान पंचायत सदस्यों के साथ-साथ विधायक प्रतिनिधि भी शामिल होंगें जिससे गांवों का विकास बाधित नहीं होगा.

कांग्रेस ने किया स्वागत, पर जताई यह आशंका

कांग्रेस ने भी सरकार के फैसले का स्वागत किया है. पार्टी के नेता प्रेमचन्द मिश्रा ने कहा कि मौजूदा समय में पंचायत चुनाव करना सभव नहीं. सरकार को कोी न कोई फैसला लेना था. लेकिन यही व्यवस्था लम्बे समय तक कायम नहीं रहना चाहिए और  भविष्य में पंचायत चुनाव कराने पर भी सरकार को फैसला लेना चाहिए.

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