PHOTOS में देखें कैसे पूरा हुआ नीरज का सपना

गोल्डन बॉय ने सोशल मीडिया पर लिखा- आज जिंदगी का एक सपना पूरा हुआ, जब अपने मां-पापा को पहली बार फ्लाइट पर बैठा पाया

टोक्यो ओलिंपिक में भारत के 124 साल के ओलिंपिक इतिहास में पहली बार ट्रैक एंड फील्ड के जेवलिन थ्रो में गोल्ड दिलाने वाले नीरज चोपड़ा ने अपने माता-पिता को पहली बार हवाई यात्रा पर लेकर गए। उन्होंने अपने माता-पिता और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ दिल्ली से बैंगलुरु की यात्रा की। दरअसल नीरज का बैंगलुरु में सम्मान किया जाना है। जिसके लिये उन्हें फ्लाइट से वहां पहुंचना था। नीरज चोपड़ा अपना सपना पूरा करने के लिए मां सरोज देवी और पिता सतीश चोपड़ा को भी साथ ले गए कर गए हैं।

नीरज माता-पिता के साथ काफी खुश नजर आए
नीरज ने सोशल मीडिया पर फोटो शेयर किया है, जिसमें वह अपने माता-पिता के साथ फ्लाइट के अंदर बैठे हुए हैं और काफी खुश नजर आ रहे हैं। उन्होंने तस्वीरों के साथ एक भावुक मेसेज भी लिखा था कि आज जिंदगी का एक सपना पूरा हुआ जब अपने मां-पापा को पहली बार फ्लाइट पर बैठा पाया। सभी की दुआ और आशिर्वाद के लिए हमेशा आभारी रहूंगा।

दिल्ली से बैंगलुरू जाने के दौरान नीरज चोपड़ा अपने मता-पिता के साथ।

टोक्यो में मेडल जीतने के बाद से अभ्यास से दूर हैं नीरज
नीरज टोक्यो ओलिंपिक में मेडल जीतने के बाद कहा था कि वह अपने परिवार के साथ कुछ दिन बिताएंगे। उसके बाद वह कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप की तैयारी में जुटेंगे। कॉमनवेल्थ, एशियन गेम्स और वर्ल्ड चैंपियनशिप अगले साल होना है।

नीरज चोपड़ा के माता-पिता पहली बार प्लेन पर सफर कर रहे हैं।

पाकिस्तानी थ्रोअर अशरद के पक्ष में सोशल मीडिया पर जारी किया था बयान
नीरज ने पाकिस्तानी जेवलिन थ्रोअर अशरद नदीम के पक्ष में वीडियो जारी कर बयान दिया था। दरअसल एक इंटरव्यू में नीरज ने कहा था कि टोक्यो में उनका जेवलिन नहीं मिला, तो उन्होंने देखा कि अशरद नदीम उनके जेवलिन लेकर अभ्यास कर रहे थे। उन्होंने अशरद से अपना जेवलिन वापस लेकर थ्रो किया। इसके बाद सोशल मीडिया पर अशरद नदीम की आलोचना की जाने लगी थी। उसके बाद नीरज ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर बयान दिया था कि नदीम ने कोई गलती नहीं की और उन्होंने किसी तरह के नियमों का उल्लंघन नहीं किया था। वहां पर सभी एथलीटों के जेवलिन थे और कोई भी किसी का जेवलिन लेकर थ्रो कर सकता था।

नीरज ने कहा-माता-पिता को प्लेन पर सफर कराने का सपना आज पूरा हुआ।

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