ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला कर्णम मल्लेश्वरी, ऐसे रचा था इतिहास

खेलों में सिर्फ पुरुषों ने ही नहीं बल्कि महिलाओं ने भी देश का गौरव बढ़ाया है। आपको भारत की उस महिला खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं।

National Sports Day 2021: हॉकी के जादूगर मेजर ध्यान चंद के जन्मदिवस के अवसर पर देश में 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है। खेलों में सिर्फ पुरुषों ने ही नहीं बल्कि महिलाओं ने भी देश का गौरव बढ़ाया है। ओलंपिक खेलों में पदक जीतना बहुत बड़ी बात होती है। हम आपको इस आर्टिकल में भारत की उस महिला खिलाड़ी के बारे में बताने जा रहे हैं, जो ओलंपिक में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला बनीं। इनका नाम कर्णम मल्लेश्वरी है। कई परेशानियों और संघर्षों का सामना करते हुए आंध्रप्रदेश की कर्णम मल्लेश्वरी ने ओलंपिक में देश का सम्मान बढ़ाया था। कर्णम मल्लेश्वरी ‘द आयरन लेडी’ के नाम भी मशहूर हैं।

सिडनी ओलंपिक में जीता था मेडल
कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत की तरफ से वर्ष 2000 में कर्णम मल्लेश्वरी ने यह कीर्तिमान रचा था। उन्होंने सिडनी ओलंपिक में भारोत्तोलन में देश को पदक दिलाया था। कर्णम मल्लेश्वरी ने कुल 240 किलोग्राम में स्नैच श्रेणी में 110 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 130 किलोग्राम भार उठाकर कांस्य पदक जीता था। इसी के साथ वह ओलंपिक में भारत के लिए मेडल जीतने वाली पहली महिला बनीं।

बचपन में शारीरिक रूप से कमजोर थीं कर्णम
कर्णम मल्लेश्वरी के पिता एक फुटबॉल खिलाड़ी थे और कर्णम की 4 बहनें वेटलिफ्टर थीं। बचपन में कर्णम बहुत कमजोर थीं इसलिए उन्हें वेटलिफ्टिंग से दूर रहने को कहा गया था। लेकिन कर्णम की मां ने बेटी का हौंसला बढ़ाया और विश्वास दिलाया कि वहवेटलिफ्टिंग में नाम कमा सकती हैं।

ऐसे शुरू हुआ कर्णम का कॅरियर
वर्ष 1990 में कर्णम की लाइफ में एक टर्निंग प्वाइंट आया जब वह एशियाई खेलों के लिए लगे राष्ट्रीय कैंप में एक दर्शक के तौर पर पहुंचीं। इसी दौरान विश्व चैंपियन लियोनिड तारानेंको की नजर कर्णम पर पड़ी। उन्होंने कर्णम की कुछ स्किल्स देखने के बाद उन्हें बैंगलोर स्पोर्ट्स इंस्टिट्यूट में भेज दिया। यहीं से कर्णम के कॅरियर की शुरुआत हुई। इसके बाद जूनियर राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में कर्णम ने 52 किग्रा भारवर्ग में नौ राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिए थे। इसके एक साल बाद उन्होंने पहला सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप का खिताब भी जीत लिया।

वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीते लगातार दो गोल्ड मेडल
इसके बाद कर्णम ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह लगातार सफलता की सीढ़ियां चढ़ने लगी। कर्णम मल्लेश्वरी ने वर्ष 1993 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता। इसके बाद वर्ष 1994 और 1995 में उन्होंने वर्ल्ड चैंपियनशिप में लगातार दो गोल्ड मेडल जीते। वर्ष 2000 में सिडनी ओलंपिक्स में पहली बार महिला वेटलिफ्टिंग शामिल की गई। इसमें कर्णम ने कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया था।

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