फॉर्म नहीं बड़े नाम पर चुनी गई थी टीम:टैलेंट घर में रह गया, टीम इंडिया वर्ल्ड कप से विदा हो गई

नाम बड़े और दर्शन छोटे…. ये मुहावरा इस वक्त टीम इंडिया पर लागू हो रहा है… फॉर्म देखा ना लय, बस बड़े नाम वाले खिलाड़ियों को चुन लिया गया, लेकिन वो खिलाड़ी इस बड़े टूर्नामेंट में फुस्स हो गए, जिसका खामियाजा भारतीय टीम को टूर्नामेंट में बिना सेमीफाइनल में पहुंचे विदाई लेकर भुगतना पड़ रहा है। IPL में कुछ खिलाड़ियों ने अपने प्रदर्शन से सभी को आकर्षित किया, अपनी टीम को अकेले के दम पर मैच जिताए, लेकिन उन्हें टीम में जगह नहीं दी गई, क्योंकि उनके नाम अभी बड़े नहीं हुए हैं। जबकि हार्दिक पंड्या जैसे खिलाड़ियों को मौका मिला, जो फॉर्म के लिए संघर्ष कर रहे थे।

कहने को टी-20 वर्ल्ड कप के लिए टीम इंडिया के ऐलान IPL फेज-2 के शुरू होने से पहले ही कर दिया गया था, लेकिन लीग के शुरू होने के बाद भी वर्ल्ड कप की टीम में फेरबदल किया जा सकता था। मगर चयनकर्ताओं ने ऐसा नहीं किया, या यूं कहे उन्हें इसकी जरूरत ही नहीं महसूस हुई । चेतन शर्मा की अध्यक्षता वाली चयन समिति, कैप्टन विराट कोहली और हेड कोच रवि शास्त्री ने टीम में सिर्फ एक चेंज किया और अक्षर पटेल की जगह शार्दूल ठाकुर को अंतिम 15 में लेकर आए।

पिछले चार सालों में भारत के लिए टी-20 में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले युजवेंद्र चहल के नाम पर विचार तक नहीं किया गया। और दूसरी तरफ अनफिट हार्दिक पंड्या को भी टीम में शामिल कर लिया गया। चलिए एक नजर डालते हैं उन खिलाड़ियों के नाम पर जिनका प्रदर्शन IPL फेज-2 में शानदार था, लेकिन उनको टीम में मौका तक नहीं मिला…

युजवेंद्र चहल की जगह राहुल चाहर को मौका
टी-20 WC के लिए चुनी गई टीम में अनुभवी लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल के स्थान पर राहुल चाहर को तरजीह दी गई। इस पर काफी सवाल भी उठे, जो बहुत हद तक जायज़ भी थे। IPL फेज-2 में राहुल का प्रदर्शन फीका रहा था और चार मैचों में वह दो ही विकेट ले सके थे। चाहर फॉर्म में नहीं थे, जिसके चलते फेज-2 के बाकी मैचों में उनको ड्रॉप तक कर दिया गया। ENG के खिलाफ पहले वॉर्म अप मैच में भी उन्होंने 43 रन खर्च कर दिए थे। वर्ल्ड कप में उनको सिर्फ एक मैच खेलना का मौका मिला और नामीबिया के खिलाफ भी वह बिना कोई विकेट झटके 30 रन लुटा बैठे।

वहीं, चहल का प्रदर्शन IPL फेज-2 में काफी प्रभावी था। RCB को प्लेऑफ तक पहुंचाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई और UAE के मैदानों पर आठ मैचों में 14 विकेट लेने में सफल रहे। इन आंकड़ों को छोड़ भी दिया जाए, तो 2016 से वर्ल्ड कर के शुरू होने तक चहल भारत के लिए टी-20I में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और उन्होंने 49 मुकाबलों में 25.30 की औसत के साथ 63 खिलाड़ियों का शिकार किया था, लेकिन इसके बाद भी उनको वर्ल्ड कप की टीम का हिस्सा नहीं बनाया गया।

हार्दिक की जगह वेंकटेश या हर्षल पर कर सकते थे भरोसा
यह बात सभी बहुत अच्छे से जानते थे कि हार्दिक पंड्या पूरी तरह से फिट नहीं है। IPL फेज-2 के दौरान शुरुआती मैचों में वह बेंच पर नजर आए और बाद में जब खेले भी तो फॉर्म और खराब फिटनेस ने उनका साथ नहीं छोड़ा। न तो उनके बल्ले से रन निकले और न ही उन्होंने फेज-2 में बॉलिंग की। मगर इसके बाद भी चयनकर्ता और कप्तान कोहली ने बड़े नाम वाले हार्दिक को टीम में जगह दी।

हार्दिक पंड्या की जगह टीम में युवा खिलाड़ी वेंकटेश अय्यर या फिर हर्षल पटेल को चुना जा सकता था। KKR के लिए खेलते हुए IPL फेज-2 में वेंकटेश अय्यर ने अपने प्रदर्शन से सभी को खासा प्रभावित किया था। 10 मैचों में उन्होंने बतौर ओपनर 370 रन बनाने के साथ 3 विकेट भी चटकाए थे। अय्यर टीम के लिए ओपनिंग के अलावा फिनिशर के रोल में नजर आ सकते थे, साथ ही छठे गेंदबाज की कमी को भी पूरा कर सकते थे।

हर्षल पटेल की बात करें तो, वह तो IPL 2021 में सबसे ज्यादा विकेट लेने गेंदबाज रहे थे। टूर्नामेंट में 32 विकेट लेने के अलावा फेज-2 के 8 मैचों में भी उनके खाते में 15 विकेट आए। फॉर्म के आधार पर पटेल को टीम में शामिल किया जा सकता था। हर्षल टीम को बढ़िया तेज गेंदबाज ऑलराउंडर का किरदार निभा सकते थे।

ऋतुराज गायकवाड की अनदेखी
IPL फेज-2 के दौरान ऋतुराज गायकवाड का खासा दबदबा देखने को मिला। चेन्नई सुपर किंग्स को चौथा IPL जीताने में ऋतुराज ने बड़ी भूमिका निभाई। 9 पारियों में उन्होंने 2 अर्धशतक और एक शतक लगाया। 439 रन बनाने वाले खिलाड़ी को जबरदस्त फॉर्म में होने के बाद भी वर्ल्ड कप के लिए मौका नहीं दिया गया। फेज-2 में सूर्यकुमार यादव लय से भटके हुए नजर आए थे। हालांकि, हम ये नहीं कर रहे कि उनके स्थान पर गायकवाड को मौका मिलना चाहिए थे, लेकिन वह टीम में चुने जाने के मुख्य दावेदार थे।

इसके इतर सिर्फ UAE के आंकड़ों की बात करें तो पिछले साल IPL में ऋतुराज गायकवाड के बल्ले से झमाझम रनों की बरसात देखने को मिली थी। केवल 6 पारियों में उन्होंने 120.71 के स्ट्राइक रेट और 51 की बेहतरीन औसत के साथ 204 रन बनाए थे। फिर भी टी-20 वर्ल्ड कप के लिए उनकी अनदेखी की गई।

आउट ऑफ फॉर्म भुवी टीम में क्यों
इंजरी के बाद वापसी करते हुए भुवनेश्वर कुमार का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा है। IPL फेज-2 के 6 मैचों में भुवी ने सिर्फ 3 विकेट चटकाए। वर्ल्ड कप में उनको पाकिस्तान के खिलाफ खेलने का मौका मिला, लेकिन उनका प्रदर्शन उनके कद के अनुरूप देखने को नहीं मिला। भुवनेश्वर ने तीन ओवर की गेंदबाजी में 8.30 की इकोनॉमी के साथ बिना कोई विकेट लिए 25 रन खर्च कर डाले। इस कांटे की टक्कर में न तो उनकी गेंदों में धार देखने को मिली न ही रफ्तार… और वैसे भी जब पहले से ही उनका फॉर्म अच्छा नहीं था, तो उनको टीम में क्या सिर्फ बड़े नाम के आधार पर चुना गया, जबकि वो स्विंग के सुल्तान वाले भुवी तो लंबे वक्त से नहीं दिखे हैं।

भुवी की जगह आवेश खान को मौका दिया जा सकता है। आवेश पिछले काफी समय से IPL और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करते आ रहे हैं। इस साल इंग्लैंड के दौरे भी उनको नेट बॉलर के तौर पर टीम में रखा गया था। IPL फेज-2 में भी युवा तेज गेंदबाज ने 7.06 की इकोनॉमी के साथ 10 खिलाड़ियों को आउट कर मैदान से बाहर का रास्ता दिखाया था।

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