नालंदा हत्याकांड: निहत्थे परिवार को घेरकर 50 हथियारबंद लोगों ने बरसाईं गोलियां, 6 की मौत

नालंदा. बिहार का नालन्दा जिला बुधवार को सामूहिक नरसंहार का गवाह बना. सीएम नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के गृह जिले में जमीनी विवाद में खून की होली खेली गई. छबीलापुर थाना क्षेत्र के लोदीपुर गांव में अंधाधुंध गोलीबारी कर दिनदहाड़े 6 लोगों को मौत के घाट (Nalanda Six Men Murder) उतार दिया गया. इस हत्‍याकांड की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 5 लोगों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि तीन बुरी तरह से घायल हो गए. घायलों में से एक की मौत इलाज के दौरान हो गई. मृतकों में एक ही परिवार के दो घरों के 6 लोग शामिल हैं.

घटना का कारण करीब 10 वर्षों से गोतिया (पड़ोसियों) के बीच चल रहा भूमि विवाद बताया जा रहा है. 50 बीघा जमीन के आपसी बंटवारे को लेकर विवाद चल रहा था और यह मामला कोर्ट में था. इस संबंध में दोनों पक्षों से बीते 17 अप्रैल 2021 को वर्तमान थाना अध्यक्ष विनोद कुमार की मौजूदगी में बॉन्ड करवाकर कोर्ट से विवाद हल होने तक भूमि की जुताई पर रोक लगा दी गई थी. आरोप है कि बुधवार की सुबह करीब 9 बजे महेंद्र यादव अपने परिवार और बाहरी लोगों के साथ मिलकर जबरन खेत जुताई करने लगे. करीब चार बीघा से अधिक खेत को जुताई कर दी गई. इसके बाद खेत जुताई की बजाय इलाका गोलयों की आवाज से थर्रा उठा. जानकारी के मुताबिक 200 राउंड से अधिक गोलियां चलीं और देखते ही देखते गांव में चीख पुकार मच गई.

नालंदा में हुई इस घटना के सभी मृतक यादव बिरादरी से हैं. मृतकों में एक ही परिवार के लोग हैं. 60 वर्षीय यदु नंदन यादव एवं उनके दो पुत्र 30 वर्षीय पिंटु यादव तथा 25 वर्षीय मधेश यादव की हत्‍या कर दी गई. इसी परिवार के दूसरे घर के स्‍वर्गीय पशुराम यादव के दो पुत्र 50 वर्षीय धीरेन्द्र यादव एवं 40 वर्षीय शिवल यादव को भी मौत के घाट उतार दिया गया. परिवार के ही एक अन्‍य सदस्‍य बुरी तरह से घायल 45 वर्षीय वीरेंद्र प्रभाकर उर्फ बिंदा यादव पिता रामरूप यादव की मौत इलाज के दौरान हो गई. मृतक वीरेंद्र प्रभाकर उर्फ बिंदा के पुत्र अतुल प्रभाकर एवं इंदु यादव का जख्मी हालत में इलाज चल रहा है.

थानाध्यक्ष को सूचना देने के बाद भी नहीं पहुंची पुलिस

बताया जाता है कि इस कांड में स्थानीय थाना प्रभारी का भूमिका भी काफी संदिग्ध है. मृतक यदुनंदन के पुत्र कृष्णदेव प्रसाद बताते हैं कि सुबह 9 बजे के आसपास जैसे ही महेंद्र यादव एवं उनके परिवार खेत जुताई करने लगे तो छबीलापुर थाना प्रभारी विनोद कुमार को इसकी सूचना दी गई. इस पर थाना प्रभारी ने कहा कि जहां जाना है जाओ, 24 घंटे बाद मामला को देखेंगे. प्रशासन का सहयोग न मिलने पर थक हार कर 12 बजे के बाद खेत जुताई कर रहे लोगों को पीड़ि‍त पर‍िवारवालों ने मना किया तो आरोपी पक्ष ने घेरकर गोलियों की बौछार कर दी. जबरन खेत जुताई का विरोध करने वाले परिवार के 8 लोगों को गोली लगी, जिनमें 6 की मौत हो गई.

करीब 50 की संख्या में थे हथियार से लैश लोग
नरसंहार की तर्ज पर हत्या की इस घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया. जख्मी के अनुसार गांव के ही गुडी यादव, इंदु यादव, विनय यादव, लालू यादव, नीतीश यादव, छोटी यादव, महेंद्र यादव, रौशन यादव सहित अन्य बाहर के लोगों ने गोलीबारी की घटना को अंजाम दिया. बताया जाता है कि हमलावरों के पास कई तरह के हथियार थे.

घर में छिपे दो आरोपियों को पुलिस ने हिरासत में लिया 
हत्‍याकांड के बाद घटनास्थल पर पहुंचे एसपी हरी प्रसाद एस एवं डीएसपी सोमनाथ प्रसाद, एसडीओ सजंय कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दी है. घटनास्थल से कुछ ही दूरी से पुलिस ने दो बदमाशों को हिरासत में ले लिया है. दबोचे गए आरोपियों में लोदीपुर निवासी महेंद्र यादव एवं उनके रिश्तेदार (गया जिला के बथानी निवासी) शामिल हैं.

एसपी हरी प्रसाद एस इस घटना की जानकारी देते हुए कहा कि नालंदा जिला के छबीलापुर स्थित लोदीपुर गांव में जमीनी विवाद में 6 लोगों की गोली मारकर निर्मम हत्या की गई है जो काफी दुखद है. एसपी ने कहा कि इस घटना में जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा कि मृतकों के परिजनों से भी पूछताछ की जा रही है कि कौन-कौन लोग इस घटना में शामिल थे और कहां शिकायत की गई थी. शिकायत करने के बाद कौन से पुलिस अधिकारी समय पर नहीं पहुंचे सभी बिंदुओं पर जांच की जा रही है. जांच के बाद ही कार्रवाई की जाएगी.

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