जो ‘हज’ नहीं जाते.. वो यहां जाते थे! अब जंग में फंसे.. क्या इन मुस्लिम तीर्थयात्रियों को वापस ला पाएगा भारत ?

इजरायल और ईरान के बीच जारी बिगड़ते तनाव के बीच ऐसे कई भारतीय मुस्लिम तीर्थयात्री, जो मक्का हज नहीं कर सके, ईरान और इराक के पवित्र स्थलों का रुख करते हैं। लेकिन वहीं, अचानक बढ़े युद्ध के हालात में इन भारतीयों सहित अन्य विदेशी नागरिकों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। हालात ऐसी चुनौती बन गए हैं कि कई भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं और सरकार को उन्हें सुरक्षित निकालने की तैयारी करनी पड़ रही है।

ईरानी-इराकीय तीर्थयात्रियों को सियासी भंवर में फंसा भीड़

भारत, ईरान और इराक में स्थित धार्मिक स्थलों — जैसे मशहद, क़ोम और जमकरान मस्जिद — पर हर साल बड़ी संख्या में मुस्लिम तीर्थयात्री पहुंचते हैं, खासकर वे जिन्हें मक्का हज का खर्चा वहन नहीं होता। इस बार भी ऐसा हुआ, लेकिन इजरायल की मिसाइल प्रहारों और ईरान की जवाबी नाकामी भरी कार्रवाई ने इन तीर्थयात्रियों की यात्राओं में व्यवधान खड़ा कर दिया।

मध्य-पूर्व एयरस्पेस बंद, भूखा, प्यासा और फंसा भारतवासियों का जत्था

  • इस बीच इजरायल की हवाई हमलों और ईरान की जवाबी रणनीति के चलते मध्य पूर्व का एयरस्पेस ख़त्म हो गया है।
  • एपी की रिपोर्ट के मुताबिक़, “क्षेत्रभर के कई एयरपोर्ट बंद हो चुके हैं, जिससे लाखों अरसे से भारत सहित दुनियाभर से आए यात्री फंस गए” ।
  • इराक और इरान से उड़ानें ठप हैं, और ज़मीन से निकलने के रास्ते भी खतरनाक या अवरुद्ध हैं।

भारतीय दूतावास सक्रिय: रिले हो रही मदद

  • भारत के तेहरान स्थित दूतावास ने निरंतर संपर्क साधा है।
  • सभी भारतीयों की लोकेशन और मोबाइल नंबर माँगे गए हैं।
  • स्वयं सुरक्षित निकाले जा सकने वाले नागरिकों को निकास की सलाह दी गई है।

छात्र और तीर्थयात्री – दोनों की सुरक्षा में जुटा MEA

  • लगभग 10,000 भारतीय इरान में मौजूद हैं, जिनमें से 6,000 छात्र हैं।
  • कर्नाटक के छात्रों ने राज्य सरकार से भी मदद की गुहार लगाई है; उन्हें तेहरान से स्थानांतरित किया जा रहा है।
  • पहली खेप में करीब 100 छात्र पहले ही आर्मेनिया बॉर्डर पार कर चुके हैं ।

वैकल्पिक एजेंट: साइकलों के रास्ते – अरमेनिया, UAE की तरफ

भारत कई देशों जैसे आर्मेनिया और UAE के साथ मिलकर वैकल्पिक रास्तों की चर्चा कर रहा है ताकि फंसे भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकाला जा सके।

धार्मिक जरुरत से बन गई प्रशासनिक चुनौती

परंपरागत धार्मिक अभियानों के लिए अक्सर ईरान-इराक का रुख करना सरल विकल्प होता था, लेकिन वर्तमान वैश्विक तनाव में यह परिस्थिति अचानक संकट में बदल गई है।
सरकार की प्राथमिकता अब सुरक्षित निकासी, एयरस्पेस खोलने और भारतीय नागरिकों की मदद में है।

 

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