ओवैसी के पोस्टरों से अब मुस्लिम समाज खफा, इकबाल अंसारी ने कहा ‘होशियार रहें मुसलमान’

अयोध्या. एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी 7 सितंबर को प्रस्तावित ‘शोषित वंचित समाज सम्मेलन’ में शिरकत करने आ रहे हैं, लेकिन इसके पहले ही अयोध्या में विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं. सम्मेलन के प्रचार प्रसार के लिए चस्पा किये गए पोस्टरों में अयोध्या जिले की जगह फैजाबाद लिखा गया है, जिस पर विवाद खड़ा हो गया है. अयोध्या के संतों की तीखी प्रतिक्रिया के बाद अब मुस्लिम समाज की तरफ से भी सम्मेलन का विरोध शुरू हो गया है. कभी बाबरी पक्ष के मुख्य पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने मुखर होकर ओवैसी के अयोध्या दौरे का विरोध करते हुए भारत के मुसलमानों से अपील की है कि वो भड़कावे में ना आएं.

पूर्व बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने साफ शब्दों में कहा, ‘अयोध्या में ओवैसी की ज़रूरत नहीं है. मुस्लिमों पर राजनीति करना नेताओं की सोच है. ओवैसी साहब जैसे नेताओं से लोग होशियार रहें. प्रदेश में धर्म की राजनीति करना मुसलमानों को धोखा देना है.’ इकबाल अंसारी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि इस तरह की राजनीति ओवैसी चाहें तो हैदराबाद में करें. अयोध्या में सभी धर्म के लोग आते हैं, यह धर्म की नगरी है, लेकिन हिंदुस्तान के मुसलमान ओवैसी से होशियार रहें क्योंकि हिंदू और मुसलमान की राजनीति ओवैसी के अलावा कोई नहीं करता.’

‘फैजाबाद लिखे पोस्टर लगवाना गलत’
असदुद्दीन ओवैसी के अयोध्या में प्रस्तावित सम्मेलन के पोस्टरों पर फैजाबाद लिखे जाने पर अंसारी ने कहा कि उनको अयोध्या पसंद नहीं आई इसलिए उन्होंने फैजाबाद लिखा. पूरी दुनिया के लोग अयोध्या के नाम से अयोध्या को जानते हैं. अंसारी के मुताबिक ‘ओवैसी ने पहला गलत काम यही कर दिया कि फैजाबाद लिखवाया. सारे धर्म और सभी जाति के लोग जिले को अयोध्या लिखते हैं. फैजाबाद लिखने की ज़रूरत नहीं थी. ओवैसी ने जो पोस्टर छपवाया है, वह बिल्कुल गलत है. हमारी मांग है कि फैजाबाद लिखे हुए पोस्टरों को हटवाएं.’इससे पहले अयोध्या के संत समाज ने भी फैजाबाद लिखे पोस्टरों पर कड़ी आपत्ति दर्ज करते हुए साफ शब्दों में कहा कि अगर अयोध्या को फैजाबाद लिखे पोस्टर हटवाए या बदले नहीं गए तो ओवैसी का कार्यक्रम नहीं होने दिया जाएगा और संत समाज इसका विरोध करेगा. संत समुदाय ने ओवैसी की विचारधारा की कड़ी निंदा की. वहीं, ओवैसी की पार्टी की अयोध्या इकाई ने इस बारे में सफाई देते हुए कहा कि बदले हुए नाम की आदत पड़ने में समय लगता है. इस पोस्टर को बेवजह मुद्दा बनाया जा रहा है.

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