Viral Video: आ जाएगा गुस्सा ! बच्चे पर Pitbull dog छोड़ा, फिर ताली बजाते और हंसते रहे दरिंदे..

मुंबई से इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक युवक ने जानबूझकर अपने पिटबुल डॉग को एक मासूम बच्चे पर हमला करने के लिए छोड़ दिया। हैरानी की बात यह है कि मौके पर मौजूद लोग बच्चे को बचाने के बजाय वीडियो बनाते रहे और हंसते रहे। यह भयावह दृश्य सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जहां लोग युवक की क्रूरता और तमाशबीनों की संवेदनहीनता पर सवाल उठा रहे हैं।

वीडियो में दिखी खौफनाक बर्बरता

इस वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक युवक पिटबुल डॉग को जानबूझकर एक छोटे बच्चे की ओर उकसाता है। कुत्ता बच्चे पर झपटता है, और लोग सिर्फ तमाशा देखते हैं। युवक खुद इस दौरान हंसता और मुस्कुराता नजर आता है, मानो वह इस खतरनाक हरकत का मज़ा ले रहा हो। बच्चे की हालत का अभी तक कोई स्पष्ट विवरण नहीं आया है।

लोग बनाते रहे वीडियो, किसी ने मदद नहीं की

घटना का सबसे दुखद पहलू यह है कि आसपास खड़े लोगों ने इस खतरनाक स्थिति में हस्तक्षेप करने के बजाय मोबाइल निकालकर वीडियो बनाना ज्यादा जरूरी समझा। सोशल मीडिया पर यूजर्स इसे ‘मूक क्रूरता’ का उदाहरण बता रहे हैं, जहां कोई मानवीय संवेदना नहीं दिखी।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल, लोगों में आक्रोश

वीडियो के सामने आने के बाद ट्विटर (X), इंस्टाग्राम और फेसबुक पर यह ट्रेंड कर रहा है। हज़ारों यूजर्स ने आरोपी युवक की गिरफ्तारी की मांग की है। लोगों का कहना है कि अगर इस वीडियो पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो ऐसे तमाशों को प्रोत्साहन मिलेगा।

पुलिस जांच में जुटी, युवक की पहचान की जा रही

रिपोर्ट के अनुसार, मुंबई पुलिस ने इस घटना का संज्ञान ले लिया है और वीडियो के ज़रिए आरोपी युवक की पहचान की कोशिश की जा रही है। पुलिस स्थानीय सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल रही है और यह भी जांच कर रही है कि यह घटना शहर के किस हिस्से में हुई।

पिटबुल नस्ल पर फिर उठे सवाल

यह पहली बार नहीं है जब पिटबुल नस्ल के कुत्तों को लेकर सवाल उठे हों। भारत में कई बार इस नस्ल के कुत्तों द्वारा हमले की खबरें आती रही हैं। कई देशों में इस नस्ल को प्रतिबंधित किया जा चुका है। भारत में भी अब इस पर बहस तेज हो रही है कि क्या ऐसे खतरनाक कुत्तों पर कानूनी रोक लगनी चाहिए।

समाज को भी ज़िम्मेदारी लेनी होगी

मुंबई की यह घटना महज़ एक आपराधिक कृत्य नहीं, बल्कि सामाजिक संवेदनाओं के ह्रास का भी प्रतीक है। जब लोग सिर्फ तमाशबीन बन जाएं और किसी मासूम की मदद के बजाय वीडियो बनाने को प्राथमिकता दें, तब यह सोचने की ज़रूरत है कि हम किस दिशा में जा रहे हैं।

 

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