UP चुनाव: संजय निषाद IN, मुकेश सहनी OUT, फूलन देवी की प्रतिमा वाराणसी में जब्त

 

 

यूपी में बीजेपी से डिप्टी सीएम पद मांग रहे संजय निषाद शांत हैं और कह रहे हैं कि बीजेपी जो कहती है, वो करती है. संजय निषाद के तेवर में बदलाव ने मुकेश सहनी की यूपी की राजनीति में एंट्री मारने के प्लान पर पानी फेर दिया है. बीजेपी मुकेश सहनी को यूपी में संजय निषाद की क्षतिपूर्ति नहीं मान रही है.

पटना में फूलन देवी की तैयार हो रही प्रतिमाओं के बीच विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी जिन्हें बिहार में सन ऑफ मल्लाह के नाम से भी पहचाना जाता है.

उत्तर प्रदेश के 18 शहरों में फूलन देवी की पुण्यतिथि पर उनकी प्रतिमा लगाकर अपनी विकासशील इंसान पार्टी VIP को यूपी विधानसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में लॉंच करने के मंसूबे लेकर बीजेपी की ओर देख रहे मुकेश सहनी को योगी आदित्यनाथ सरकार ने तगड़ा झटका दे दिया है.

25 जुलाई को फूलन देवी की पुण्यतिथि है और मुकेश सहनी ने फूलन देवी की पटना में बनवाई प्रतिमाएं यूपी के लिए भेजी थीं जिन्हें बनारस और मिर्जापुर में पुलिस ने जब्त कर लिया है. मुकेश सहनी की पार्टी को 25 जुलाई को फूलन देवी की पुण्यतिथि पर किसी तरह के कार्यक्रम की भी इजाजत नहीं दी गई है.

सन ऑफ मल्लाह नाम के साथ बिहार की राजनीति में लॉंच और मशहूर हुए मुकेश सहनी अभी बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में चल रही बीजेपी, जेडीयू, वीआईपी और हम गठबंधन की NDA सरकार में मंत्री हैं.

 

यूपी की राजनीति में निषाद पार्टी के डॉक्टर संजय निषाद की बीजेपी से नाराजगी और खुले तौर पर डिप्टी सीएम पद की मांग के बाद मुकेश सहनी के यूपी चुनाव लड़ने के ऐलान से लगा था कि भाजपा ने संजय निषाद का विकल्प तैयार रखा है. मुकेश सहनी वो नेता हैं जो तेजस्वी यादव की महागठबंधन में सीटों के बंटवारे की पीसी में ही बगावत करके एनडीए में चले गए थे.

 

संजय निषाद अब शांत हैं. बीजेपी से शिकवा-शिकायत दूर हो चुकी है. अब कह रहे हैं कि साथ ही चुनाव लड़ेंगे. बयान तो लगातार दे रहे हैं लेकिन डिप्टी सीएम जैसी बात नहीं बोलते. अब बोल रहे हैं कि बीजेपी वो ऐसी पार्टी है जो जैसा कहती है, वैसा करती है.

यूपी में एमएलसी मनोनयन होना है और उनका भी नाम कम से कम रेस में आगे है तो बनें या ना बनें लेकिन माना जा सकता है कि भारतीय जनता पार्टी ने उनको सेट कर लिया है. अब जब लोकल निषाद नेता साथ हो तो बिहार से इम्पोर्ट करके सन ऑफ मल्लाह को लाएं, भाव दें, सीट दें, इतना चुनावी रिस्क कौन लें.

पटना से चली फूलन देवी की प्रतिमाएं वाराणसी और मिर्जापुर में जब्त हो गई हैं. वाराणसी के पुलिस कमिश्नर ने मुकेश सहनी को पत्र लिखकर कहा है कि उनकी पार्टी को ऐसे कार्यक्रम की इजाजत नहीं दी जा सकती क्योंकि उत्तर प्रदेश में 2008 से ही धार्मिक या राजनीतिक व्यक्ति की प्रतिमा सरकारी या निजी जमीन पर भी लगाने के लिए उच्चस्तरीय इजाजत चाहिए.

 

कमिश्नर ने सहनी को लिखा है कि आप इस आदेश का उल्लंघन करके आयोजन कर रहे हैं जो आपत्तिजनक है. इस पत्र में ये भी लिखा गया है कि ये कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन है और लोगों ने सुजाबाद शिव मंदिर के पास फूलन देवी की प्रतिमा लगाने का विरोध भी किया है.

वीआईपी के सूत्रों का कहना है कि वाराणसी एसडीएम ने कोविड 19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए इस कार्यक्रम की इजाजत दे दी थी. पार्टी सूत्रों का ये भी कहना है कि राज्य के मुख्य सचिव को भी इन कार्यक्रमों की विस्तृत सूचना भेजी गई थी. बिहार में बीजेपी के साथ सरकार में शामिल VIP के मुखिया मुकेश सहनी कह रहे हैं कि हम तो बिहार में दोस्त हैं.

 

मुकेश सहनी बोले- “ये ठीक नहीं है. इसे टाला जा सकता था. लेकिन इससे प्रतिमा स्थापित करने से हमें कोई डिगा नहीं सकता. हम राज्य के नियमों का पालन करते हुए ऐसा करेंगे. यूपी में बीजेपी सत्ता में है और हम बिहार में दोस्त हैं.” सहनी ने कहा कि यूपी में पार्टी के कार्यक्रम निर्धारित समय पर होंगे लेकिन आमसभा नहीं होगी.

 

बिहार में मल्लाहों के नेता के तौर पर उभरे मुकेश सहनी ने यूपी चुनाव में निषाद वोट को देखते हुए कहा था कि वीआईपी यूपी के 18 मंडलों में फूलन देवी की 18 फीट ऊंची प्रतिमा लगाएगी. उत्तर प्रदेश में मल्लाह यानी निषाद और अन्य उपजातियों के 14 परसेंट वोट हैं. यूपी में संजय निषाद इनके एक नेता हैं जो निषाद पार्टी के अध्यक्ष हैं और इस समय बीजेपी के साथ हैं.

 

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