अनाज भंडारण क्षमता की जानकारी पेश करने तीन सप्ताह का समय दिया, अगली सुनवाई 13 सितंबर को

। मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य शासन एवं अन्य को पिछले पांच साल की अनाज भंडारण क्षमता व खरीदी की जानकारी पेश करने के लिए तीन सप्ताह का समय दे दिया है। मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद रफीक व न्यायमूर्ति विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मामले की अगली सुनवाई 13 सितंबर को निर्धारित की है।

जबलपुर निवासी गुलाब सिंह की ओर से दायर याचिका में कहा गया है कि सरकार हर साल किसानों से समर्थन मूल्य में अनाज खरीदती है, लेकिन अनाजों को सुरक्षित गोदामों में नहीं रखा जाता है। इसके कारण हर साल बारिश में लाखों टन अनाज सड़ जाता है। इसी साल जुलाई में राज्य शासन ने 10 लाख टन अनाज क्रय किया, जिसका बड़ा भंडार खुले में सड़ने पड़ा हुआ है। जिस राशि में इसे क्रय किया गया, बाद में उससे काफी कम महज दो-तीन रुपये किलो के हिसाब से शराब निर्माताओं को बेच दिया जाएगा। यह हर साल की कहानी है।

अनाप-शनाप रेट में खरीदी करते हैं और फिर कम दाम में बेच देते हैं। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि किसानों से खरीदे गए अनाज को गोदामों में अधिकतम 6 माह और खुले में तीन माह तक ही रख सकते है। अनाज भंडारण गृहाें में अधिकतम छह माह व खुले में महज तीन माह रख सकते हैं। राज्य सरकार की ओर से पेश जवाब में कहा गया कि कुछ जगह 7 से 19 महीने तक खुले में अनाज रखा गया है।

पिछली सुनवाई के दौरान डिवीजन बैंच ने राज्य सरकार, मार्कफेड और वेयर हाउसिंग कार्पोंरेशन को पिछले पांच साल की अनाज भंडारण क्षमता और खरीदी की जानकारी पेश करने का निर्देश दिया था। सोमवार को उनकी ओर से जवाब पेश करने के लिए समय दिए जाने का अनुरोध किया गया, जिसे हाई कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता हिमांशु मिश्रा और राज्य सरकार की ओर से उप महाधिवक्ता स्वप्निल गांगुली हाजिर हुए।

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