इजराइली दूतावास के पास हुए धमाके की जांच NIA के साथ मोसाद भी करेगी

दिल्ली में इजरायली दूतावास के बाहर हुए धमाके की जांच में अब राष्ट्रीय सुरक्षा जांच एजेंसी के साथ मोसाद भी जुट गई है। बुधवार को इजरायल की खुफिया एजेंसी की एक टीम ने इस संबंध में एनआईए से मुलाकात की।

इस दौरान एनआईए ने 29 जनवरी को हुए बम धमाके को लेकर अब तक मिले सबूतों को मोसाद की टीम से साझा किया। शुरुआती जांच के मुताबिक, हमले के पीछे ईरान का हाथ है।

जांच में एनआईए की मदद के लिए मोसाद की टीम खासतौर पर इसी हफ्ते तेल अवीव से नई दिल्ली आई है। दोनों देशों का खुफिया तंत्र इस हमले के जिम्मेदारों को खोजने का काम कर रहे हैं।

संदिग्धों का पता लगाने के लिए कई सोशल मीडिया अकाउंटों के डेटा भी खंगाले जा रहे हैं। भारत में इजरायल के राजदूत डॉ. रॉन मलका ने धमाके के बाद यह कहा था कि उनकी खुफिया एजेंसी भारत के साथ मिलकर हमले की जांच करेगी।

अभी तक की जांच में यह पता लगा है कि इजरायली दूतावास के बाहर हुए कम तीव्रता वाला धमाके का उस संदिग्ध पैकेट से कोई लेना-देना नहीं है जो उसी दिन पैरिस में इजरायली दूतावास के बाहर मिला था।

दुर्भाग्य से अभी तक एजेंसी को ऐसा कोई गवाह नहीं मिला जिसने किसी को दूतावास के बाहर सड़क पर आईईडी रखते हुए देखा हो। इस इलाके में लगे सीसीटीवी फुटेज से भी अभी तक कोई खास सुराग हाथ नहीं लगा है।

एफआईर में लिखा गया है, ‘दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल दफ्तर में शाम 5 बजकर 20 मिनट पर यह सूचना मिली की धमाका हुआ है।

यह धमाका डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम रोड पर जिंदल हाउस, बंगला नंबर 5 के पास हुआ। आईईडी धमाके की वजह से सड़क पर ताड़ के पेड़ के पास गड्ढा हो गया। धमाके की वजह से तीन गाड़ियों शीशे तक चटक गए।’

हमले में विदेशी ऐंगल आने के बाद सरकार ने धमाके क जांच एनआईए को सौंप दी थी।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि हमले के पीछे ईरान का हाथ होने की प्रबल आशंका इसलिए भी है क्योंकि धमाका भारत-इजरायल के बीच कूटनीतिक संबंधों को 29 साल हुए थे।

इसके साथ ही धमाके वाली जगह से एक चिट्ठी भी मिली जिसमें अमेरिकी ड्रोन हमले से मारे गए ईरान कुर्द कमांडर कासिम सुलेमानी और अबु मेहदी अल मुहंदीस की मौत का बदला लेने का जिक्र था।

Related Articles

Back to top button