प्रदेश में कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस का खतरा, भोपाल में 80 केस, 200 लोग रोज पूछ रहे क्या करें

भोपाल. मध्य प्रदेश में अब कोरोना से ज्यादा ब्लैक फंगस (Black Fungus) का खतरा बढ़ने लगा है. मरीजों को दिखना कम हो गया है. भोपाल में बने कोरोना कंट्रोल रूम में प्रदेशभर से रोज आ रहे 200 कॉल ब्लैक फंगस से संबंधित हैं. ब्लैक फंगस की यही रफ्तार रही तो आने वाले समय में इसे संभाल पाना मुश्किल हो जाएगा.

भोपाल स्मार्ट सिटी में बनाए गए कंट्रोल रूम का हेल्पलाइन नंबर 1075 है. शनिवार को हेल्पलाइन में 2394 कॉल आए. इनमें से 200 कॉल ब्लैक फंगस से संबंधित थीं. कॉल अटैंड कर रहे स्टाफ ने सभी मरीजों को हमीदिया अस्पताल में चेकअप कराने की सलाह दी. रोज आ रही ये शिकायतें बता रही हैं कि ब्लैक फंगस लोगों को किस तरह अपनी चपेट में ले रहा है. हालांकि, सरकार ने अस्पतालों में इस बीमारी के लिए अलग से वार्ड बनाए हैं, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम देखने को नहीं मिला है. इस बीमारी में इस्तेमाल होने वाली दवाइयों और इंजेक्शन की कमी भी मार्केट में है.

राजधानी में मिले 80 केस

जानकारी के मुताबिक, कुछ दिनों में ही राजधानी में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या 80 पहुंच चुकी है. हमीदिया अस्पताल में 30, चिरायु अस्पताल में 10, बंसल अस्पताल  में 17 के साथ अलग-अलग अस्पतालों में कई मरीजों का इलाज चल रहा है. इनमें से 22 मरीजों को एक आंख से दिखना बंद हो गया है.
महामारी से ज्यादा महंगा इलाज

कोरोना से ब्लैक फंगस का इलाज ज्यादा महंगा है. सरकार ने निशुल्क इलाज की व्यवस्था जरूर की है, लेकिन दवाओं का टोटा होने की वजह से मरीजों को उचित इलाज नहीं मिल पा रहा. यही कारण है कि मरीज प्राइवेट अस्पतालों की तरफ रुख कर रहे हैं.

कोरोना में थोड़ी राहत

प्रदेश में कोरोना को लेकर थोड़ी राहतभरी खबर है. शनिवार को प्रदेश में 7571 नए केस सामने आए. एक्टिव केस की संख्या 99970 पहुंच गई है. सबसे कम एक्टिव केस खंडवा में 219 हैं. सबसे ज्यादा इंदौर 16028, भोपाल में 14680 हैं. भोपाल में 33 दिन बाद एक हजार से कम मरीज मिले. शनिवार को 982 मरीज सामने आए. स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ी है.

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