नेशनल महिला जूडो खिलाड़ी से फार्महाउस में रेप.. इंडिया टीम के पूर्व कोच पर आरोप, प्रैक्टिस को बुलाया और..

मुरादाबाद के जाने-माने जूडो कोच और पूर्व इंडिया टीम के कोच सतीश शर्मा पर एक नेशनल महिला खिलाड़ी ने दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता उत्तराखंड की राजधानी देहरादून की रहने वाली है और वर्तमान में नेशनल स्तर पर जूडो खिलाड़ी है। उसने पहले देहरादून के राजपुर थाने में मामला दर्ज कराया, जिसे बाद में घटनास्थल मुरादाबाद के भोजपुर थाने में स्थानांतरित कर दिया गया। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।
कोच के बहाने भेजा, मिली हैवानियत
पीड़िता ने बताया कि उसे उसकी महिला कोच ने यह कहकर सतीश शर्मा के पास भेजा था कि वे उसके गुरु रह चुके हैं और उनके निर्देशन में अभ्यास करने से करियर को फायदा मिलेगा। पीड़िता का वर्ष 2024 में भोपाल के साइ (SAI) सेंटर में आयोजित नेशनल कैंप में चयन हुआ था, लेकिन महिला कोच की बातों में आकर वह मुरादाबाद स्थित सतीश शर्मा की निजी जूडो अकादमी में प्रशिक्षण लेने पहुंच गई।
फार्म हाउस में बनाया गया शिकार
पीड़िता के अनुसार, शुरू में कोच सतीश शर्मा ने सामान्य तरीके से अभ्यास कराया। लेकिन कुछ ही समय बाद वह उस पर खास ध्यान देने लगे और अकेले में समय बिताने का प्रयास करने लगे। घटना 12 मार्च की है, जब कोच ने उसे “प्रैक्टिस के बहाने” इस्लाम नगर स्थित एक फार्म हाउस पर बुलाया। वहां अकेला पाकर सतीश शर्मा ने पीड़िता के साथ बलात्कार किया।
70 वर्षीय आरोपी अब चला रहा है निजी अकादमी
सतीश शर्मा, जो कि मुरादाबाद के सिविल लाइंस क्षेत्र का निवासी है, पहले स्टेडियम में बतौर सरकारी जूडो कोच कार्यरत था। अब 70 वर्ष की उम्र में वह सेवानिवृत्ति के बाद एक निजी जूडो अकादमी का संचालन कर रहा है। खेल जगत में उसका नाम एक वरिष्ठ प्रशिक्षक के रूप में लिया जाता है और वह भारतीय जूडो टीम का कोच भी रह चुका है।
एफआईआर दर्ज, जांच में जुटी पुलिस
पीड़िता द्वारा देहरादून के राजपुर थाने में दी गई शिकायत पर पहले एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन चूंकि घटना मुरादाबाद की है, इसलिए मामला भोजपुर थाने में ट्रांसफर कर दिया गया है। मुरादाबाद पुलिस ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और आरोपी से पूछताछ की जाएगी। पीड़िता के बयान को लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
महिला सुरक्षा पर फिर सवाल
इस घटना ने एक बार फिर खेल जगत में महिला सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां एक ओर खिलाड़ी ओलंपिक और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर देश का नाम रोशन करती हैं, वहीं दूसरी ओर प्रशिक्षकों के ऐसे शर्मनाक कृत्य उन पर से विश्वास उठने जैसा है। पुलिस प्रशासन और खेल विभाग से अपेक्षा की जा रही है कि दोषियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोहराई न जा सकें।