हंगामे की भेंट चढ़ा मानूसन सत्र, नौ दिन में केवल 8 घंटे ही चली राज्‍यसभा

संसद का मानसून सत्र लगातार हंगामे की भेंट चढ़ रहा है. 19 जुलाई से शुरू हुआ संसद का मानसून सत्र13 अगस्‍त तक चलना है और इस सत्र के दौरान 19 बैठकें प्रस्‍तावित हैं. संसद का आधा सत्र बीत चुका है और शोर शराबे के बीच अबसंसद (Parliament) का मानसून सत्र (Monsoon Session) शुरू होने से पहले जिस तरह के कयास लगाए जा रहे थे, वैसा ही सदन के अंदर और बाहर देखने को भी मिल तक सिर्फ तीन विधेयक (Bill) ही पारित किए जा सके हैं. यही नहीं संसद के पिछले सत्रों के दौरान रिकॉर्ड बनाने वाले उच्च सदन (Rajya Sabha) में मानसून सत्र के नौ दिनों में अब तक महज 8.2 घंटे ही राज्यसभा चली है.

पेगासस जासूसी केस पर चर्चा की मांग पर अड़े विपक्ष के हंगामे के कारण उच्‍च सदन के अब तक 33.8 घंटे बर्बाद हो चुके हैं. तमाम कोशिशों के बावजूद शुक्रवार को राज्‍यसभा काफी समय के लिए स्‍थगित करनी पड़ी. संसद को अब सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. संसद न चलने के कारण सरकार को अब तक 26.925 करोड़ की चपत लग चुकी है.

 

उच्‍च सदन में शोर शराबे में बीच जिन तीन विधेयक का पारित किया गया है, उनमें नौवहन समुद्री सहायता विधेयक 2021, किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) संशोधन विधेयक 2021 और फैक्टरिंग विनियमन संशोधन विधेयक 2021 शामिल हैं. सोमवार को जब एक बार फिर संसद की कार्यवाही शुरू होगी तो केंद्र सरकार एक नई रणनीति के साथ उतरना चाहेगी. बीते दो सप्‍ताह के अंदर जिस तरह से 6 विधेयकों में से महज एक को ही दोनों सदनों में मंजूरी मिली है उसे देखते हुए सरकार अगले सप्‍ताह हंगामे के बीच सरकार कई विधेयकों को पास करना चाहेगी.

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