नीयत में खोट:भारत में होने वाली अफगान समिट में हिस्सा नहीं लेगा पाकिस्तान;

NSA मोईद यूसुफ ने कहा- पड़ोसी मुल्क अमन नहीं चाहता

पाकिस्तान के NSA मोईद यूसुफ। (फाइल)

नई दिल्ली में 10 नवंबर को होने वाली अफगान कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डॉक्टर मोईद यूसुफ हिस्सा नहीं लेंगे। भारत ने यूसुफ को इस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने का न्योता दिया था। करीब 15 दिन इंतजार के बाद अब पाकिस्तान ने साफ कर दिया है कि इस कॉन्फ्रेंस में उनका कोई प्रतिनिधि हिस्सा नहीं लेगा।

मंगलवार को मीडिया से बातचीत के दौरान यूसुफ ने भारत पर तंज कसा। कहा- जिन लोगों ने तबाही की है, वो शांति या अमन की पहल नहीं कर सकते।

चार देश शामिल होंगे
भारत ने पिछले महीने अफगानिस्तान पर कॉन्फ्रेंस बुलाने का ऐलान किया था। इसमें रूस, चीन, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान हिस्सा लेंगे। इन चारों देशों के नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर इस कॉन्फ्रेंस में शिरकत करने जा रहे हैं।

खास बात यह है कि पाकिस्तान ने सितंबर और ईरान ने अक्टूबर में अफगानिस्तान पर कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। पाकिस्तान ने भारत को शामिल होने का न्योता ही नहीं दिया था। हालांकि, ईरान में हुई कॉन्फ्रेंस में भारत शामिल हुआ था। मॉस्को कॉन्फ्रेंस में भी भारत शामिल हुआ था।

भारत की भूमिका पर सवाल
भारत ने अफगानिस्तान में बाहरी दखल पर सवालिया निशान लगाते हुए पहले भी कहा था कि इससे काबुल और दुनिया के बीच दूरियां बढ़ने का खतरा है। इसके अलावा तालिबान ने देश में शांति और मानवीय आधार पर सहायता के लिए भारत से अपील भी की थी।

पाकिस्तान के फॉरेन ऑफिस के प्रवक्ता आसिम इफ्तिखार ने कहा- भारत चाहता है कि अफगानिस्तान में उसे कोई रोल मिले, लेकिन वहां इसकी कोई जरूरत हमें महसूस नहीं होती। पाकिस्तान के एनएसए ने भी कहा है कि अफगानिस्तान और पाकिस्तान पड़ोसी हैं और हम चाहकर भी उससे अलग नहीं हो सकते। यूसुफ के मुताबिक- उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के साथ पाकिस्तान लगातार संपर्क में है।

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