नामिबिया के चीतों की सुरक्षा के लिए दो हाथी बने प्रधान, जानिए पूरी खबर ?

नामिबिया के चीतों की सुरक्षा के लिए दो हाथी बने प्रधान, जानिए पूरी खबर 

दो हाथी लक्ष्मी और सिद्धनाथ, सतपुरा टाइगर रिजर्व से कुनो नेशनल पार्क में नामीबिया के चीतों की सुरक्षा के लिए लाये गए । 17 सितंबर को अपने जन्मदिन वाले दिन प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने कुनो राष्ट्रीय उद्यान में लाए गए आठ चीतों को जारी किया। बाघों की सुरक्षा के लिए पार्क प्रधानों ने उनकी सुरक्षा के सारे इंतज़ाम किये। इन हाथिओ ने पांच में से चार तेंदुओं को बचाने के अभियान में एक एहम भूमिका निभाई, जो चीतों के आने से पहले उनके लिए बने विशेष संलग्र में घुस गए थे। चीतों की निगरानी के लिए अब दोनों हाथी, राष्ट्रीय उद्यान के सुरक्षा दल के साथ मिलकर दिन रात पहरा दे रहे है।

क्वारंटाइन में एक महीना बिताएंगे चीते

नामीबिया से कूनी पहुंचे चीतों को एक महीने के लिए विशेष संलग्र में क्वारंटाइन रहना होगा। दोनों हाथी इन संलग्र में मौजूद चीतों की निगरानी में लग हुए है। सिद्धनाथ और लक्ष्मी वन कर्मचारियों के साथ लगातार पहरा दे रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई अन्य वन्यजीव संलग्र घेरे में या उसके आसपास न आये ।

कूनो नेशनल रिज़र्व के डीएफओ प्रकाश कुमार वर्मा ने यह बताया की सिद्धनाथ को गुस्से की समस्या है और वर्ष 2010 में उसने दो महावतों को मार डाला था, परंतु इसके बावजूद तीस वर्षीय सिद्धनाथ बाघों के रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए प्रदेश में जाने जाते है।

2021 में बाघ को बचाने हेतु सिद्धनाथ ने एक एहम भूमिका निभाई थी। दूसरी ओर 25 वर्ष की लक्ष्मी बेहद शांत स्वभाव की हैं तथा अपने काम में माहिर हैं। लक्ष्मी ने जंगल सफारी या बचाव अभियान के कौशल में महारत हासिल की है।

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