ब्रेकिंग: देश में फिर ‘मॉक ड्रिल’ शुरू.. बजने वाला है भारत-पाक युद्ध का बिगुल ? या कोई खूफिया इनपुट ?

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिक सुरक्षा (Civil Defence) के मद्देनज़र बड़ा कदम उठाते हुए 29 मई 2025 को गुजरात, राजस्थान, पंजाब और जम्मू-कश्मीर जैसे पाकिस्तान सीमा से सटे राज्यों में मॉक ड्रिल (Mock Drill) आयोजित करने का निर्देश दिया है। यह ड्रिल नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से की जा रही है। इससे पहले 7 मई को देशव्यापी मॉक ड्रिल आयोजित की गई थी, जो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से पहले की गई तैयारी का हिस्सा थी।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान की बौखलाहट
भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर (PoJK) में नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इसके जवाब में पाकिस्तान ने अगले चार दिनों तक ड्रोन और मिसाइल हमलों की कोशिश की, जिनमें नागरिक क्षेत्रों, स्कूलों और धार्मिक स्थलों को निशाना बनाया गया। हालांकि भारतीय सशस्त्र बलों ने मुस्तैदी से पाकिस्तान के सभी नापाक मंसूबों को नाकाम कर दिया।
मॉक ड्रिल का उद्देश्य और महत्व
मॉक ड्रिल का मुख्य उद्देश्य आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। ड्रिल के दौरान अहम प्रतिष्ठानों की पहचान छुपाने की व्यवस्था की जाती है ताकि दुश्मन की नज़र इनपर न पड़े। युद्ध जैसी स्थिति में दुश्मन आमतौर पर इन प्रतिष्ठानों को पहले निशाना बनाता है ताकि आर्थिक ढांचे को नुकसान पहुँचाया जा सके।
प्रशासनिक आदेश और तैयारी
राजस्थान के बाड़मेर की जिला कलेक्टर टीना डाबी ने जानकारी दी कि केंद्र सरकार के निर्देशानुसार गुरुवार, 29 मई को सीमावर्ती जिलों में मॉक ड्रिल कराई जाएगी। यह अभ्यास खास तौर पर पाकिस्तान की सीमा से सटे राज्यों में केंद्रित है, जिससे ज़मीनी तैयारी की गहराई का अंदाज़ा लगाया जा सकता है।
मॉक ड्रिल में नागरिकों को क्या करना होगा
मॉक ड्रिल के दौरान नागरिकों को प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। सायरन बजने पर उन्हें तत्काल चिन्हित सुरक्षित स्थानों की ओर जाना होगा। ब्लैकआउट की स्थिति में घरों की सभी लाइटें बंद रखनी होंगी और घर में ही सुरक्षित रहना होगा।
मॉक ड्रिल में शामिल प्रमुख अभ्यास
1. हवाई हमले का सायरन:
मॉक ड्रिल के दौरान हवाई हमले की चेतावनी के लिए सायरन बजाया जाएगा। इसका मतलब होगा कि किसी भी समय हमला हो सकता है और नागरिकों को तत्काल सुरक्षित स्थान पर पहुँचना होगा।
2. नागरिकों को प्रशिक्षण:
स्कूलों और सार्वजनिक स्थानों पर नागरिकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा कि हमले की स्थिति में कैसे प्रतिक्रिया देनी है, और दूसरों की सहायता कैसे करनी है। प्राथमिक उपचार की जानकारी भी दी जाएगी।
3. ब्लैकआउट का अभ्यास:
अचानक बिजली जाने की स्थिति में क्या करना है, इसका अभ्यास भी कराया जाएगा। इससे दुश्मन के सैटेलाइट और निगरानी ड्रोन को चालाकी से भ्रमित किया जा सकेगा।
4. छिपने और जोखिम क्षेत्र से निकलने की रणनीति:
अहम स्थानों को ढंकने और आम लोगों को खतरे वाले क्षेत्रों से निकालने की योजना पर भी अभ्यास होगा। इसका उद्देश्य लोगों की जान बचाना और दुश्मन से बचाव सुनिश्चित करना है।
पिछली मॉक ड्रिल और ऐतिहासिक संदर्भ
इससे पहले 7 मई को पूरे देश में मॉक ड्रिल कराई गई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले और भारत-पाक तनाव के बाद की तैयारी का हिस्सा थी। इससे पहले ऐसा व्यापक अभ्यास 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान किया गया था, जब देश की पूर्वी और पश्चिमी सीमाओं पर युद्ध लड़ा गया था।
नागरिकों से सतर्क और सहयोगी रहने की अपील
गृह मंत्रालय और स्थानीय प्रशासन की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे मॉक ड्रिल को गंभीरता से लें और हर निर्देश का पालन करें। यह अभ्यास हमारी सुरक्षा व्यवस्था की मजबूती और जागरूकता का प्रतीक है। हर नागरिक की भागीदारी इसे सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।