परिवार के 7 लोगों की आत्महत्या मामला: जिस कार में मिलीं लाशें.. उसे लेकर चौंकाने वाला खुलासा

हरियाणा के पंचकूला में एक ही परिवार के सात सदस्यों की आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दुखद घटना में शामिल मित्तल परिवार का देहरादून से भी गहरा नाता रहा है, जहां वे कुछ समय तक निवासरत थे। इस रिपोर्ट में हम इस परिवार के देहरादून से संबंधों और आत्महत्या की घटना से जुड़े महत्वपूर्ण तथ्यों पर प्रकाश डालेंगे।
देहरादून में मित्तल परिवार का निवास
दरअसल, प्रवीण मित्तल, जिनकी आत्महत्या की घटना में मृत्यु हुई, अपने परिवार के साथ देहरादून के कौलागढ़ क्षेत्र में लगभग 8-9 महीने पहले तक किराए पर रहते थे। वे मूल रूप से चंडीगढ़ के निवासी थे, लेकिन नौकरी के सिलसिले में देहरादून में रह रहे थे। स्थानीय निवासी राजकुमारी नौटियाल के अनुसार, यह परिवार तीन वर्षों तक वहां रहा और प्रवीण मित्तल एक एनजीओ चलाते थे। उनके पिता टपकेश्वर मंदिर के बाहर दुकान चलाते थे।
आत्महत्या में प्रयुक्त कार की जानकारी
घटनास्थल पर मिली कार, जिसमें परिवार के शव पाए गए, देहरादून के मालदेवता निवासी गंभीर सिंह नेगी के नाम पर पंजीकृत थी। गंभीर सिंह नेगी ने बताया कि उनकी मुलाकात प्रवीण मित्तल से एक एनजीओ के कार्य के दौरान हुई थी। मित्रता के आधार पर उन्होंने यह वाहन अपने नाम पर फाइनेंस करवाया था, जिसे प्रवीण मित्तल उपयोग कर रहे थे।
पुलिस जांच और आधार कार्ड की स्थिति
देहरादून के एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, मित्तल परिवार के देहरादून में किराए पर रहने के कारण उनके आधार कार्ड वहीं के बने हुए हैं। हालांकि, वर्तमान में यह परिवार चंडीगढ़ में निवास कर रहा था। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि जिस कार में आत्महत्या की गई, वह प्रवीण मित्तल के नाम पर नहीं थी।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासियों के अनुसार, मित्तल परिवार एक शांतिप्रिय और मिलनसार परिवार था। प्रवीण मित्तल की पत्नी ने प्रेम विवाह किया था और परिवार का देहरादून में अच्छा सामाजिक संबंध था। उनकी इस दुखद घटना से स्थानीय लोग भी स्तब्ध हैं।
मित्तल परिवार की आत्महत्या की यह घटना न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि समाज के लिए एक चेतावनी भी है कि मानसिक स्वास्थ्य और सामाजिक समर्थन कितना महत्वपूर्ण है। इस घटना की गहराई से जांच और समझ आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।