केंद्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में मिथिलांचल लिख रहा विकास की गाथा

आजादी के बाद मिथिलांचल व कोसी के लोगों को कांग्रेस ने केवल जख्म देने का काम किया। जबकि केंद्र में जब-जब भाजपा की सरकार आयी तो मिथिलांचल व कोसी वासियो के जख्म पर मरहम लगाने का काम किया।

वर्तमान केन्द्र की मोदी सरकार के कार्यकाल में मिथिलांचल विकास के नित नई परिभाषा लिख रहा है। भाजपा जिला महामंत्री कुणाल कुमार ने कहा कि कोसी नदी पर एक साथ दो महासेतु की इबादत रख अटल बिहारी वाजपेयी ने टूटे हुए रिश्ते को जोड़ने का काम किया तो पीएम मोदी ने एशिया महादेश का सबसे लंबा पुल की आधारशिला रख मिथिलांचल व कोसी के लोगों का दिल जीत लिया। इतना ही नहीं डगमारा में कोसी नदी पर 130 मेगावाट वाले जल विधुत परियोजना जो सालो से लंबित था को मोदी सरकार से हरी झंडी मिल गई है।

सुपौल जिले के भपटियाही गांव में इस प्रोजेक्ट को लगाया जाएगा। जो कोसी के बाएं तटबंध पर स्थित हैं। परियोजना का कैचमेंट एरिया 61 हजार 972 वर्गमीटर है। इस परियोजना में कंक्रीट बैराज, अर्थ डैम और पावर हाउस का निर्माण किया जाना है। जिसकी लंबाई 945 मीटर, 5750 मीटर और 283.20 मीटर होगी।

लंबे समय तक अटकी रही डगमारा परियोजना

वर्ष 1965 में केंद्रीय जल आयोग के अध्यक्ष कंवरसेन ने कोसी इलाके के लिए डगमारा में दूसरे बैराज की आवश्यकता पर बल दिया था। इस परियोजना को 2006-07 में ही अनुमति मिल गई थी। मगर पड़ोसी देश नेपाल से स्वीकृति नहीं मिलने के कारण मामला अटक गया था। लेकिन हाल के दिनों में सहमति मिलने के बाद प्रोजेक्ट बनने का रास्ता साफ हो गया।

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