मथुरा में सीएम योगी के आदेशों का हो रहा है उल्लंघन, प्रवासी मजदूर अब भी कर रहे हैं ट्रकों पर और पैदल सफर

मथुरा : उत्तर प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों को उनके ग्रह जनपद तक सरकारी बसों से भेजने के दावे और आदेश कर चुकी है। वहीं उत्तर प्रदेश में लॉक डाउन के बीच प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे हादसों को देखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बड़ा फैसला लेते हुए सभी अधिकारियों से प्रवासी मजदूरों के पैदल चलने पर रोक लगाने को कहा है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को जारी आदेश में स्पष्ट तौर पर सीएम योगी ने कहा कि किसी भी प्रवासी नागरिकों को पैदल, अवैध या असुरक्षित गाड़ियों से यात्रा न करने दिया जाए। मगर मथुरा में नेशनल हाइवे 2 पर दिल्ली हरियाणा से पैदल चलने वाले हजारो प्रवासी मजदूरों का काफिला रुकने का नाम नही ले रहा है।

औरैया में ट्रक पर जाते 24 मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई। उसके बाद भी जिला प्रशासन की नींद टूटती नजर नही आ रही है और मथुरा में हरियाणा बॉर्डर से सरेआम मजदूरों का ट्रकों के ऊपर बैठकर जाने की तस्वीर साफ दिखाई दे रही है। इतना ही नहीं बल्कि पैदल चलने वाले मजदूरों का भी काफिला लगातार जारी है। जबकि सरकार सभी जनपदों को शख्त निर्देश दे चुकी है कि कोई भी प्रवासी मजदूर ट्रकों पर या फिर पैदल नही चलना चाहिए। इसके बावजूद भी न तो मजदूरों का छोटे छोटे बच्चों और महिलाओं के साथ पैदल जाना बंद हुआ है और न ही ट्रकों से सफर का सिलसिला ही रुक सका है ।

अब देखना ये है कि क्या मथुरा प्रशासन भी किसी औरैया जैसे हादसे का इंतजार कर रहा है या फिर उसे सरकार द्वारा दिये गए निर्देश का पालन करने की जरूरत ही नही। जबकि बसों से कुछ मजदूरों को भेजे जाने की सूचना जिला प्रशासन द्वारा दी गई थी फिर क्या बस कम पड़ गई है? इन मजदूरों के इस हुजूम के आगे ये तो जिला प्रशासन ही जाने। मगर अब फिर से कोई बड़ा हादसा अगर हो गया तो उसका जिम्मेदार और मजदूरों की जान की कीमत कौन चुकाएगा? जिस तरह मजदूरों को भेजने की व्यवस्था की गई है तो इन लोगो का जिस तरह से भागते हुए वीडियो वायरल हो रहा है उससे क्या अंदाजा लगाया जा सकता  है।अगर ये मजदूर अचानक गिर जाते हैं तो हालात क्या होंगे ये प्रशासन को भी समझना जरूरी है। जबकि प्रसासन अभी भी लोगो को भेझने की व्यवस्था को ठीक बता रहा है और किसी भी तरह की कोई परेशानी नही होने की बात कर रहा है। जिस तरह ये मजदूरों का हुजूम है। ये किस तरह रुक पायेगा ये प्रसासन के लिए भी बड़ी चुनौती बनता हुआ नजर आ रहा है क्योंकि मजदूरों का सैलाब उमड़ रहा है। जिसको रोकना प्रशासन के लिए भी मुसीबत बन गया है। अब देखना होगा इस हालात में मथुरा प्रशासन किस तरीके से इन लोगों की समुचित व्यवस्था कर पाता है।

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