Budget 2021: मिडिल क्लास पर बढ़ा बोझ, आत्मनिर्भरता पर जोर

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने सोमवार को वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट (Budget 2021) पेश किया। जिसमें देश में जारी आर्थिक संकट से उबरने की कोशिश की गई। वित्त मंत्री ने बजट पेश करते हुए देश में विनिर्माण गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और कृषि उत्पादों के बाजार की मजबूती के उपायों का ऐलान किया। आम बजट में इस साल विनिवेश का लक्ष्य 1.75 लाख करोड़ रुपये का है।

मिडल क्लास के लिए बजट में कुछ नहीं

बजट में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर है लेकिन इस बजट को मिडल क्लास के लिए बोझ बताया जा रहा है। बजट के मुताबिक विदेश से आने वाले मोबाइल और उससे जुड़े उपकरणों पर इंपोर्ट ड्यूटी 2.5% तक बढ़ा दी है। वहीं कुछ ऑटो पार्ट्स पर 7.5% इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाकर इसे 15% कर दिया गया है। इससे कई सामान महंगे हो जाएंगे।

जिसमें मोबाइल फोन, मोबाइल फोन चार्जर, एसी-फ्रिज, वायर, केबल, LED बल्ब, इम्पोर्टेड कपड़े, लेदर प्रोडक्ट, ऑटो पाटर्स, कॉटन, रॉ सिल्क, प्लास्टिक प्रोडक्ट्स, सोलर इन्वर्टर, सोलर से उपकरण, महंगे हो जाएंगे।

इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए 3 लाख 34 हज़ार करोड़ रुपये
वहीं राहत की बात करें तो सोने-चांदी के आयात शुल्क में 5 फीसदी की भारी कटौती की गई है। इसके साथ ही स्टील का सामान, लोहा, नायलॉन के कपड़े, तांबे का सामान, और चमड़े से बना सामान भी ड्यूटी कम होने की वजह से सस्ता हुआ है।

इस बजट में कुल 3 लाख 34 हज़ार करोड़ रुपये इंफ्रास्ट्रक्चर में डाले गये हैं। इस रकम में सड़क, बड़े हाईवे और रेलवे सहित इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी तमाम योजनाएं शामिल हैं। जिसमें अगले साल तक 8500 किलोमीटर के रोड प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना है। बताया जा रहा है कि इससे पैसे का मूवमेंट बढ़ेगा, रोजगार के मौके पैदा होंगे।

देश का राजकोषीय घाटा खतरनाक स्तर पर है, ये सभी रि‍कॉर्ड तोड़कर जीडीपी के 9.5 प्रतिशत के बराबर हो गया है और अगले साल का घाटा भी अनुमान से कहीं ज्यादा, करीब 6.8 से 7 प्रतिशत तक होने की आशंका है।

बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा

बता दें कि बिजली र्किमयों के विभिन्न संगठनों ने केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को संसद में पेश बजट में बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा पर कड़ी नाराजगी और आयकर में कोई राहत नहीं मिलने पर गहरी निराशा जाहिर की है।

ऑल इंडिया पॉवर इन्जीनियर्स फेडरेशन के अध्यक्ष शैलेन्द्र दुबे और उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत अभियंता संघ के अध्यक्ष वी पी सिंह ने आम बजट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि बजट में बिजली वितरण के निजीकरण की घोषणा से बिजली र्किमयों में गुस्सा व्याप्त हो गया है और आयकर में कोई राहत न मिलने से भारी निराशा है।

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