PDP अध्यक्ष के बिगड़े बोल

मां से ED ने 3 घंटे पूछताछ की, तो भड़कीं महबूबा मुफ्ती; केंद्र को अफगानिस्तान जैसे अंजाम की धमकी

जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और PDP नेता महबूबा मुफ्ती ने फिर विवादित बयान दिया है। कुलगाम में शनिवार को उन्होंने अफगानिस्तान के बहाने केंद्र सरकार को चेतावनी दी। कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोग बर्दाश्त कर रहे हैं, जिस वक्त बर्दाश्त का बांध टूट जाएगा, तब आप नहीं रहोगे और मिट जाओगे। बार-बार मैं कहती हूं, हमारा इम्तिहान मत लो सुधर जाओ, संभल जाओ। पड़ोस में देखो क्या हो रहा है। इतनी बड़ी ताकत अमेरिका उनको भी बोरिया-बिस्तर लेकर वापस जाना पड़ा।

उन्होंने कहा कि कश्मीरी कमजोर नहीं हैं, बल्कि वे बहुत बहादुर और धीरज रखने वाले हैं। चींटी जब हाथी की सूंड में घुस जाती है तब वह हाथी का जीना हराम कर देती है। आपको मौका है अभी भी, जिस तरह अटल बिहारी वाजपेयी जी ने बातचीत शुरू की थी जम्मू-कश्मीर में, उसी तरह आप भी बातचीत का सिलसिला शुरू करो। और जो आपने लूटा है, गैरकानूनी तरीके से, जम्मू-कश्मीर के टुकड़े-टुकड़े कर दिए, इस गलती को सुधारो नहीं तो बहुत देर हो जाएगी।

ED ने महबूबा की मां से 3 घंटे पूछताछ की
दरअसल, महबूबा मुफ्ती की मां गुलशन नजीर को ED ने पूछताछ के लिए बुलाया था। जांच एजेंसी ने नजीर से 3 घंटे तक पूछताछ की, जिसके बाद महबूबा भड़क गईं और उन्होंने यह बयान दिया। महबूबा ने केंद्र सरकार से जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने और यहां की जनता से बातचीत करने की अपील भी की।

BJP ने पूछा- क्या वे कश्मीर में तालिबान का निजाम चाहती हैं?
महबूबा के बयान पर भाजपा की ओर से तीखी प्रतिक्रिया आई। जम्मू में पार्टी के नेता रविंद्र रैना ने कहा कि महबूबा मुफ्ती गलतफहमी में हैं। वे आग से खेलने का काम कर रही हैं। क्या महबूबा मुफ्ती कश्मीर घाटी में तालिबान का निजाम चाहती हैं? उनकी साजिश को पूरा नहीं होने देंगे। जो देश के खिलाफ साजिश करेगा उसे मिट्टी में दफन कर दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि यह उनकी (महबूबा मुफ्ती की) पुरानी आदत है। वे ऐसी टिप्पणी करती हैं जो देश के हित में नहीं हैं। उन्हें समझना चाहिए कि आर्टिकल-370 हमेशा के लिए खत्म हो चुकी है। सरकार जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों से लगातार बात कर रही है लेकिन वह कहीं और बात करना चाहती है।

उधर, उत्तराखंड दौरे पर गए BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि लंबे समय से आर्टिकल-370 के कारण जम्मू-कश्मीर मुख्यधारा में शामिल होने से वंचित था। बहुत सी सरकारें आईं, लेकिन इस काम को नहीं कर सकीं। ये प्रधानमंत्री मोदी की इच्छाशक्ति और गृहमंत्री अमित शाह की रणनीति ने धारा 370 को धराशायी किया और जम्मू-कश्मीर को मुख्यधारा में शामिल किया।

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