यूपी में बीच सड़क खूंखार गैंगस्टर की हत्या, 3 km दौड़ाकर मारी गोली.. पुलिस चौकी के सामने हुई वारदात

उत्तर प्रदेश के मेरठ में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब सिविल लाइन थाना क्षेत्र की हाशिमपुरा पुलिस चौकी के सामने गैंगस्टर सलीम उर्फ दीवाना उर्फ मोगली (45) की बाइक सवार दो अज्ञात हमलावरों ने सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी। इस नृशंस हत्या ने शहर की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस की तत्परता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पुलिस चौकी के सामने मर्डर, फिर भी कोई नहीं निकला बाहर
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, हमलावर सलीम का पीछा कचहरी से ही कर रहे थे। जब वह हाशिमपुरा चौकी के पास पहुंचा, तब बदमाशों ने पीछे से गोली मारी, जो उसकी पीठ चीरते हुए सीने से पार हो गई। गोली लगते ही सलीम बाइक समेत ज़मीन पर गिर गया और वहीं दम तोड़ दिया। हैरानी की बात यह रही कि शोर मचने के बावजूद चौकी में मौजूद पुलिसकर्मी तुरंत बाहर नहीं आए।
हत्या से पहले कोर्ट में पेशी और बैनामा कराने गया था सलीम
मृतक सलीम बुधवार को एक पुराने जानलेवा हमले के मामले में तारीख पर कोर्ट गया था और एक जमीन का बैनामा भी कराना था। कचहरी से लौटते वक्त उसके साथ शालीमार गार्डन निवासी साजिद भी अपनी बाइक से साथ चल रहा था। पुलिस की जांच में सामने आया है कि बदमाशों ने कचहरी से ही उसका लगभग 3 किलोमीटर पीछा किया और रास्ते में घात लगाकर गोली मारी।
एसपी सिटी का बयान: गैंगस्टर एक्ट में भेजा गया था जेल
एसपी सिटी आयुष विक्रम सिंह ने बताया कि सलीम के खिलाफ नौचंदी थाने में वर्ष 2019 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज था। कोर्ट से गैर-जमानती वारंट जारी होने के बाद पुलिस ने कुछ दिन पहले उसे गिरफ्तार किया था। वह शनिवार को ही जेल से ज़मानत पर छूटकर आया था। पुलिस का कहना है कि हत्या के पीछे पुरानी रंजिश और प्रॉपर्टी विवाद हो सकता है।
हत्या के मामले में पांच नामजद आरोपी, सीसीटीवी से तलाश शुरू
एसएसपी डॉ. विपिन ताडा ने बताया कि सलीम के भाई उस्मान की तहरीर पर हत्या का मामला दर्ज किया गया है। पांच नामजद आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। घटनास्थल, कचहरी और पूरे रास्ते के सीसीटीवी फुटेज कब्जे में लिए गए हैं। हत्यारों की पहचान और गिरफ्तारी के लिए तीन टीमें गठित की गई हैं।
12 से ज्यादा आपराधिक मुकदमे
सलीम मेरठ का कुख्यात अपराधी था। उसके खिलाफ लिसाड़ी गेट, सिविल लाइन, ब्रह्मपुरी, नौचंदी और मेडिकल थाना क्षेत्रों में 12 से ज्यादा संगीन धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। इन मामलों में हत्या के प्रयास, शस्त्र अधिनियम, पुलिस पर हमला, एनडीपीएस एक्ट और गुंडा एक्ट तक शामिल हैं।
तीन दिन में तीन हत्या, पुलिस कमिश्नरेट की मांग फिर तेज
सलीम की हत्या से पहले मेरठ में दो और हत्याएं हो चुकी हैं।
- 26 जुलाई: लिसाड़ी गेट में कपड़ा कारोबारी अबरार की गोली मारकर हत्या।
- 27 जुलाई: समर गार्डन चौकी इलाके में एक युवक की पीट-पीटकर हत्या।
- 29 जुलाई: परतापुर में रिटायर्ड होमगार्ड के बेटे ऋतिक की फरसे से हत्या।
लगातार हत्याओं से दहशत का माहौल है और लोगों ने मेरठ में पुलिस कमिश्नरेट की मांग फिर से तेज़ कर दी है। सवाल यह है कि क्या पुलिस चौकी के सामने किसी गैंगस्टर की हत्या से भी पुलिस प्रशासन जागेगा?
सवालों के घेरे में पुलिस और कानून व्यवस्था
सिविल लाइन जैसे हाई सिक्योरिटी ज़ोन में, चौकी के सामने हत्या और हमलावरों का हथियार लहराते हुए भाग जाना इस बात की गवाही है कि मेरठ की कानून व्यवस्था कितनी लचर हो चुकी है। अगर सीसीटीवी और तीन टीमों से भी हत्यारे पकड़ में नहीं आते, तो यह सिस्टम की नाकामी होगी।