मायावती ने कहा- पेट्रोल-डीजल व रसोई गैस, रोजमर्रा की वस्तुओं के बढ़ते दामों से आमजन-जीवन पुरी तरह से अस्त-व्यस्त

बढ़ती महंगाई पर बसपा की मांग, उचित कदम उठाएं केन्द्र-राज्य सरकारें

पेट्रोल-डीजल की कीमतों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी का असर अब दूसरे आइटम पर भी दिखने लगा है। ट्रांसपोर्ट महंगा होने का हवाला देते हुए कंपनियां अपने प्रोडक्ट के दाम बढ़ा रही हैं। खाने के तेल से लेकर दाल, सब्जियां, गैस सिलेंडर, दूध जैसी बुनियादी चीजों की कीमतें आसमान छू रही हैं और आम जनता महंगाई की मार से कराह रही है। गुरुवार को बसपा प्रमुख पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केन्द्र व सभी राज्य सरकारों को जनता के राहत के लिए तुरंत सख्त कदम उठाने की मांग की है।

फलों के दाम 5- 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़ोत्‍तरी.. व्यापारियों के अनुसार, माल भाड़ा बढ़ने से सब्जी और फल दोनों का ऑर्डर देना महंगा होगा। अभी भाव स्थिर है, लेकिन आने वाले दिनों में सब्जियों और फलों के दाम 5 से 10 रुपये प्रति किलो तक बढ़ सकते हैं। वहीं, कोरोना काल के बाद से पहले ही 15% महंगे हो चुके कपड़ों की कीमतों में माल भाड़े में 30% की बढ़ोतरी से और इजाफा होगा। दालों के दाम 50 से लेकर 100 रुपये बढ़ सकते हैं.. लखनऊ दाल-चावल मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत भूषण गुप्ता ने कहा कि माल भाड़ा बढ़ने से मुंबई से आने वाली दालों के दाम 50 रुपये से लेकर 100 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएंगे। जब दालों और चावल के दाम थोक भाव में बढ़ेंगे तो खुदरा कीमतों में और इजाफा होगा। बिमारियों के बीच महंगाई यूपी के कई शहर और गांव पहले ही वायरल बुखार और डेंगू से जूझ रहे हैं। हालात बुरे हैं, अस्पतालों का हाल जगज़ाहिर है। खराब स्वास्थ्य व्यवस्था से कितने बच्चों की जान जा चुकी है। गावों के गरीब परिवार पहले ही परेशान है, ऐसे में खाद्य सामग्रियों के साथ दावा का महंगा होना ग्रामीणों की परेशानियां और बढ़ा सकता है, लेकिन यूपी सरकार न ही बिमारियों से ग्रस्त लोगों को संभाल पा रही है न अपनी स्वास्थ्य व्यवस्था को और न ही बढ़ती मंगाई को।

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