जानिए अखिलेश के साथ क्यों जुड़ रहा है ब्राह्मणों का जनसैलाब !!

जनेश्वर मिश्र के गांव से सपा करेगी ब्राह्मण सम्मलेन की शुरुआत, मायावती ने कहा- राजनीतिक स्वार्थ के लिए कर रहे हैं नाटकबाजी

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 को लेकर आज समाजवादी पार्टी भी बिगुल फूंकेगी। जनेश्वर मिश्र के जन्मदिवस पर उनके पैतृक शहर बलिया से सपा ब्राह्मण सम्मलेन की शुरुआत कर रही है। हालांकि, समाजवादी पार्टी के इस अभियान पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने तंज कसते हुए कहा है कि अखिलेश यादव राजनीतिक स्वार्थ के लिए नाटकबाजी कर रहे हैं। बहरहाल, ब्राह्मण वोटबैंक के लिए दोनों आमने सामने हैं।

2012 में सपा को मिली थी कामयाबी
बसपा की तर्ज पर समाजवादी पार्टी भी ब्राह्मणों को रिझाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मलेन की आज से शुरुआत कर रही है। सपा ने इसके लिए अपने कद्दावर नेता दिवंगत जनेश्वर मिश्र के पैतृक गांव शुभनथही को चुना है। यहां आज सपा के दिग्गज ब्राह्मण नेता जुटेंगे और ब्राह्मणों को साधेंगे। दरअसल, 10 फ़ीसदी ब्राह्मणों को 2012 चुनाव में सपा लुभाने में कामयाब रही थी। जिसके बाद सपा की सूबे में बहुमत वाली सरकार भी बनी थी।

कल जुटे थे ब्राह्मण नेता, भारी जनसैलाब

गांव में समाजवादी पार्टी ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। वाटर प्रूफ पंडाल में ब्राह्मणों से अपने मन की बात सपा के नेता करेंगे। इस सम्मलेन की जिम्मेदारी जनेश्वर मिश्र के भाई पूर्व मंत्री तारकेश्वर मिश्र को सौंपी गयी है। जबकि ब्राह्मणों को साधने की जिम्मेदारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पाण्डेय, पूर्व मंत्री अभिषेक पांडेय, पूर्व मंत्री मनोज पांडेय, पूर्व मंत्री तेज नारायण (पवन) पांडेय और संतोष पाण्डेय को दी गयी है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ब्राह्मणों को लुभाने के लिए परशुराम की मूर्ति लगाने की घोषणा कर चुकी है।

बलिया में सपा के ब्राह्मण सम्मलेन में भीड़ पहुंच चुकी है। अब नेताओं का इंतजार हो रहा है।

ब्राह्मण क्यों है जरूरी?

इसको समझने के लिए थोड़ा पीछे चलना होगा। यूपी में 17 साल तक अस्थिर सरकारों के बाद जब बसपा पूर्ण बहुमत के साथ आई तो उसमे ब्राह्मणों का भी योगदान था। हालांकि, 2007 चुनाव में ब्राह्मणों का बसपा को सिर्फ 17 फ़ीसदी वोट ही मिला था लेकिन जहां बसपा ने ब्राह्मण कैंडिडेट खड़े किये थे वहां सबसे ज्यादा वोट मिले। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि ब्राह्मण माहौल बनाने में सबसे आगे रहते हैं। यही वजह है कि हर पार्टी ब्राह्मणों को साधने में लगी है। सपा को इसका फायदा 2012 में दिख चुका है।

मायावती ने कसा अखिलेश पर तंज

बसपा मुखिया मायावती ने समाजवादी पार्टी पर तंज करते हुए ट्वीट किया है। इस ट्वीट में मायावती ने लिखा है कि लखनऊ में जो जनेश्वर मिश्र पार्क है। उसे बसपा सरकार ने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के नाम पर बनाया था लेकिन सपा सरकार ने जातिवादी सोच और द्वेष के कारण इसका नाम भी नए जिलों आदि की तरह बदल दिया। यह कैसा सम्मान ?

इतना ही नही मायावती ने दुसरा ट्वीट करते हुए लिखा है कि बसपा की प्रबुद्ध वर्ग विचार संगोष्ठी की यहां यूपी के जिलों-जिलों में अपार सफलता के बाद सपा को अब जनेश्वर मिश्र व भाजपा सरकार द्वारा सताए हुए उनके समाज की याद आई है। यह सब इनकी राजनीतिक स्वार्थ व सस्ती लोकप्रियता के लिए नाटकबाजी नही है तो और क्या है?

मायावती ने समाजवादी पार्टी पर तंज करते हुए ट्वीट किया है।

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