एक और बड़ा हादसा! मथुरा में एकसाथ ढह गए 6 मकान, बच्चों समेत कई दबे.. अबतक 3 की मौत, रेस्क्यू जारी

उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में रविवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ, जब गोविंद नगर थाना क्षेत्र के शाहगंज दरवाजा इलाके में स्थित एक पुराना टीला अचानक खिसक गया। इस हादसे में छह मकान जमींदोज हो गए और करीब एक दर्जन लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका है। अब तक तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि एक युवक को गंभीर हालत में मलबे से निकालकर जिला अस्पताल भेजा गया है।

सिद्ध बाबा मंदिर के पास खिसका पुराना टीला

घटना स्थल शाहगंज दरवाजा क्षेत्र में स्थित सिद्ध बाबा मंदिर के पास का है, जहां एक बेहद पुराना मिट्‌टी का टीला मौजूद था। रविवार को अचानक यह टीला खिसकने लगा, जिससे पास के तीन से छह मकान क्षणभर में मलबे में तब्दील हो गए। मकान टीले पर ही बने थे, जिससे हादसे की गंभीरता और बढ़ गई।

चीख-पुकार मच गई, राहत कार्य जारी

हादसे के तुरंत बाद क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। लोगों की चीख-पुकार सुनकर स्थानीय निवासी और प्रशासनिक टीमें मौके पर पहुंचीं। मौके पर पुलिस और प्रशासन ने जेसीबी व अन्य भारी मशीनों की मदद से राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है। मथुरा प्रशासन की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया भूकंप जैसा मंजर

प्रत्यक्षदर्शी लेखपाल संजय रोहिला, जिनका घर घटनास्थल के पास है, ने बताया कि वह अपनी कार गैराज से निकालने बाइक से आए थे और उनके साथ पत्नी और बेटा भी मौजूद थे। उन्होंने अपनी आंखों से टीले को गिरते हुए देखा। संजय ने बताया कि वह बाइक छोड़कर परिवार को लेकर भागे, जिससे उनकी जान बच सकी। लेकिन दो बच्चे मलबे के साथ गिरते हुए दिखाई दिए, और निर्माणाधीन दीवार पर काम कर रहे मजदूर भी मलबे में दब गए।

एक युवक को निकाला गया, हालत गंभीर

अब तक मलबे से एक युवक को जीवित बाहर निकाला गया है, जिसे गंभीर हालत में जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं तीन लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। अन्य लोगों की तलाश जारी है। स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसा इतना जोरदार था कि उन्हें कुछ क्षणों के लिए भूकंप जैसा महसूस हुआ।

प्रशासन ने कहा- जांच के बाद होगी कार्रवाई

मथुरा प्रशासन की ओर से बताया गया कि राहत कार्य युद्धस्तर पर जारी है और मौके पर एंबुलेंस, दमकल और स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात हैं। अधिकारियों ने कहा कि घटनास्थल की जांच के बाद लापरवाही पाए जाने पर जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

हादसे की वजह: मिट्‌टी के टीले पर बनीं कमजोर दीवारें

स्थानीय सूत्रों और प्रशासन के अनुसार, जिन मकानों पर हादसा हुआ, वे सभी पुरानी मिट्‌टी के टीले पर बने थे। बारिश और लगातार हो रहे निर्माण कार्यों की वजह से टीले की पकड़ कमजोर हो गई थी, जिससे यह हादसा हुआ। यह भी सामने आ रहा है कि निर्माण कार्य के दौरान जरूरी सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई थी।

लोग बोले- वर्षों से खड़ा था टीला, प्रशासन ने नहीं लिया संज्ञान

स्थानीय लोगों ने प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह टीला वर्षों से खड़ा था और इसकी हालत खराब होती जा रही थी। कई बार शिकायत के बावजूद प्रशासन ने कोई संज्ञान नहीं लिया। यदि समय रहते ध्यान दिया गया होता तो शायद ये जानें बचाई जा सकती थीं।

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