महा शिवरात्रि पर उमड़ा आस्था का जन सैलाब रात से ही लाइनों में लगे थे शिव भक्त

हर हर महादेव के नारों से गूंज उठा बटेश्वर धाम, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

फिरोजाबाद बाबा बटेश्वर धाम भोलेनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है जहां 101 भोलेनाथ के मंदिर बने हुए सैकड़ों वर्ष पुरानी मान्यता है कई जनपदों के दूर-दूर से लोग कावड़ लेकर बाबा भोलेनाथ पर गंगाजल चढ़ाते हैं और अपनी मनोकामना पूरी करते हैं बटेश्वर मंदिर की मान्यता है कि भोलेनाथ के दर्शन करने के बाद लोगों की मनोकामना पूरी होती है बटेश्वर मंदिर के पीछे यमुना उल्टी दिशा में जाती हुई दिखाई देती है शिवरात्रि के दिन लाखों की संख्या में दूर-दूर से कावड़ लेकर लोग गंगाजल भोलेनाथ पर चढ़ाते है यह मंदिर आगरा के सीमा क्षेत्र के अंतर्गत आता है सावन के महीने में भक्तों की भीड़ लगी रहती है जल चढ़ाने के लिए श्रद्धालुओं की कतार लगी।

लखनऊ में स्थित मनकामेश्वर मंदिर जैसा की नाम ही से ज़ाहिर है (Mankameshwar Temple) यहां मांगी गई सभी मनोकामनायें पूरी होती हैं.भक्तों की भीड़ यहां आमतौर पर भी मौजूद रहती है लेकिन सावन और महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भक्तों की भीड़ का अंदाज़ा लगाना मुश्किल है.शिव भक्तों का हुजूम उमड़ता है बाबा के दरबार में माथा टेकने के लिए.महाशिवरात्रि के मौक़े पर महादेव का दरबार दुल्हन की तरह सजाया गया है.भक्त यहां पूरी श्रद्धा से फूल, बेलपत्र और गंगा जल लेकर भगवान शिव के दर्शन करने के लिए पहुंचते हैं.

कल मनकामेश्वर मंदिर में शिव बारात निकाली गयी थी.मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्यागिरी की अगुवाई में और महाशिवरात्रि के दिन महिला संगीत का आयोजन किया जा रहा है.महंत दिव्यागिरी ने  बताया कि कोरोना को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा रहेगी और सभी भक्त अपना मास्क ज़रूर पहने जो भक्त मंदिर दर्शन नहीं जा सकते वे मंदिर के फ़ेस्बुक पेज से लाइव दर्शन कर सकते हैं.इस मंदिर का इतिहास रामायणकाल से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है, जब लखनपुर (Lucknow) के राजा लक्ष्मण ने माता सीता को वनवास छोड़ा था.उसके बाद वहां से लौटते हुए उन्होंने यहीं पर भगवान शिव की आराधना की थी.जिसके बाद इस मंदिर की स्थापना की गई.

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