‘ऑपरेशन सिंदूर’ में खत्म मसूद अजहर का परिवार, बौखलाकर दे रहा धमकी, कहा – “कोई रहम की उम्मीद न करे”

भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” की मारक क्षमता और सटीकता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस स्ट्राइक में न सिर्फ आतंकी ठिकाने ध्वस्त हुए, बल्कि पाकिस्तान में जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर का पूरा परिवार भी खत्म हो गया। यह खुलासा खुद मसूद अजहर ने BBC उर्दू को दिए गए बयान में किया है। इस हमले में उसके 10 करीबी रिश्तेदारों सहित संगठन के कई अहम आतंकी मारे गए हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में मसूद अजहर का परिवार नेस्तनाबूद
भारत द्वारा पाकिस्तान और POK में की गई स्ट्राइक ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद अब जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर ने खुद स्वीकार किया है कि उसके घर के 10 सदस्य मारे गए हैं। इसमें उसकी पत्नी, तीन बेटे, बहन, बहनोई, भतीजा, भतीजी और उनके बच्चे शामिल हैं। BBC की रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मसूद अजहर ने इस बात की पुष्टि स्वयं की है।
बहावलपुर की सुभानल्लाह जामा मस्जिद बनी निशाना
मसूद अजहर ने बताया कि भारत ने बहावलपुर स्थित सुभानल्लाह जामा मस्जिद को भी निशाना बनाया, जहां उसके कई करीबी सहयोगी मौजूद थे। इस हमले में जैश-ए-मोहम्मद के कम से कम 4 सदस्य मारे गए हैं। मस्जिद को संगठन की गतिविधियों का प्रमुख केंद्र माना जाता था। मसूद के मुताबिक, उसकी मां के एक करीबी सहयोगी और दो अन्य वरिष्ठ सदस्य भी इस हमले में मारे गए हैं।
भारत को दी धमकी
मसूद अजहर ने BBC उर्दू को दिए बयान में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गीदड़ भभकी देते हुए कहा कि “भारत ने मेरे परिवार को मारा है, अब हम खून के एक-एक कतरे का हिसाब लेंगे। अब कोई रहम की उम्मीद न करे।” मसूद की इस धमकी से स्पष्ट है कि वह अभी भी अपने आतंकी एजेंडे पर कायम है और भारत के खिलाफ साजिशें रचता रहेगा।
बच्चों और महिलाओं की भी गई जान
भारत की इस सैन्य कार्रवाई में मसूद अजहर के परिवार के पांच बच्चे और कई महिलाएं भी मारी गईं। मसूद ने खुद स्वीकार किया कि उसके परिवार की महिलाएं और बच्चे इस हमले का शिकार हुए। हालांकि भारतीय सेना की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सभी निशाने आतंकी ठिकाने थे और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचा गया।
जैश-ए-मोहम्मद के इतिहास से जुड़ा है मसूद अजहर का नाम
मसूद अजहर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिबंधित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख है। उसका नाम 1995 में तब सामने आया जब कश्मीर में छह विदेशी पर्यटकों का अपहरण हुआ। बाद में वह 1999 में कंधार विमान अपहरण के बाद भारत द्वारा छोड़ा गया था। पुलवामा हमले के पीछे भी जैश का ही नाम सामने आया था।