मनीष गुप्‍ता हत्‍याकांड: चार्जशीट का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं जेल में बंद पुलिसवाले

कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता की गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से मौत के मामले में जेल गए इंस्पेक्टर जेएन सिंह व 6 अन्य पुलिस वालों को एसआईटी की चार्जशीट का भी बेसब्री से इंतजार है। आरोपित पुलिस वालों के करीबियों के मुताबिक चार्जशीट के ही इंतजार में वह अभी अपनी बेल दालिख नहीं कर रहे हैं। कोर्ट में चार्जशीट लगते ही वह अपनी आगे की रणनीति तैयार करेंगे। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी के साथ ही आरोपित पुलिस वाले भी चार्जशीट की धारा में उलझे पड़े हैं। क्योंकि फिलहाल वह सभी आईपीसी की धारा 302 यानी कि हत्या में जेल गए हैं। जिसमें कि उन्हें इतनी आसानी से जमानत मिलने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही। जबकि उन्हें भी इस बात की पूरी उम्मीद है कि चार्जशीट 304 यानी कि गैर इरादतन हत्या में दाखिल हो सकती है। ऐसे में अगर 304 में चार्जशीट दाखिल होती है तो वह तत्काल अपनी बेल कराकर बाहर आने की तैयारी में जुट जाएंगे।

मनीष गुप्ता की मौत के बाद उनकी पत्नी मीनाक्षी की तहरीर पर पुलिस ने 6 पुलिस वालों के खिलाफ धारा 302 के तहत केस दर्ज कर सभी को गिरफ्तार तो कर लिया। इस मामले की जांच कर रही कानपुर की एसआईटी को अब अब साक्ष्यों तथा सबूतों के आधर पर चार्जशीट लगानी है। अगर 302 में चार्जशीट लगती है तो फिर वे जल्दी जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे।

अभी रिमांड पर भी ले सकती है एसआईटी
हालांकि एसआईटी अधिकारियों का दावा है कि अभी सभी पुलिस वालों को रिमांड पर लेकर उनका आमना-सामना भी कराया जाएगा। एक साथ सभी से पूछताछ की जाएगी। जबकि अभी पुलिस वालों के सरकारी असलहों की फॉरेंसिक रिपोर्ट भी आनी बाकी है और घटना के वक्त पहनी हुई उनकी वर्दी भी बरामद करने में एसआईटी लगी है। ऐसे में उम्मीद है कि इन सभी तथ्यों के सामने आने के बाद हत्या के सबूत एसआईटी के हाथ लग सकते हैं। ऐसे में फिलहाल यह तय नहीं है कि चार्जशीट की धारा क्या होगी। जबकि अब तक की जांच के दौरान एसआईटी धारा 201 और 34 बढ़ा भी चुकी है। यानी कि सबूत मिटाने और एक साथ मिलकर किसी घटना को अंजाम देने की धारा।

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