​​​​​​​5 साल में 200 लड़कियों को देह व्यापार में धकेला:बांग्लादेश से भारत लाते थे,

कोलकाता और मुंबई में ट्रेनिंग के बाद दूसरे शहरों में भेजा

इंदौर SIT की गिरफ्त में आए बांग्लादेशी लड़कियों के तस्कर मुनीर उर्फ मुनीरुल ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। वह 200 से ज्यादा बांग्लादेशी लड़कियों को भारत लाकर प्रॉस्टीट्यूशन में धकेल चुका है। 5 साल से इस धंधे में है। उसे गुरुवार को सूरत से पकड़ा गया है।

इंदौर पुलिस ने 11 महीने पहले लसूड़िया और विजय नगर इलाकों में ऑपरेशन चलाकर 15 लड़कियों को पकड़ा था। मामले में सागर उर्फ सैंडो, आफरीन आमरीन व अन्य लोग आरोपी बनाए गए थे। मुनीर भाग निकला था। उसे गुरुवार को सूरत से पकड़कर इंदौर लाया गया है।

TI तहजीब काजी के मुताबिक मुनीर पर 10 हजार रुपए का इनाम था। वह बांग्लादेश के जसोर का है। ज्यादातर लड़कियों से उसने शादी की और फिर इंडिया में लाकर बेचा। उसके पीछे बड़ा नेटवर्क है। मुनीर से पता चला है कि सेक्स रैकेट से जुड़ा गिरोह लड़कियों की पहले कोलकाता, फिर मुंबई में ट्रेनिंग कराता है। इसके बाद डिमांड पर लड़कियों को देश के दूसरे शहरों में सप्लाई किया जाता है। लड़कियों को बांग्लादेश और भारत के पोरस बॉर्डर पर नाले के रास्ते लाया जाता है। बॉर्डर के पास के छोटे गांव में एजेंट्स लड़कियों को मुर्शिदाबाद और आसपास के ग्रामीण इलाकों में लाकर ही भारत में एंट्री करवाते हैं।

तार के नीचे से बॉर्डर पार करवाकर लाते थे
देह व्यापार में लिप्त एक लड़की ने विजय नगर (इंदौर) पुलिस को 11 साल पहले की आपबीती बताई। लड़की ने बताया था कि 2009 में वह 15 साल की थी। मां के गुजर जाने के बाद पढ़ाई का तनाव था। फीस नहीं भरने पर एक पेड़ के नीचे बैठकर रो रही थी, तभी एक युवती और युवक आए। बोले- भारत काफी अच्छा है। वहां पढ़ाई भी होगी और पैसे भी अच्छे मिलेंगे। वह बातों में आ गई, फिर इंडिया बॉर्डर तक पहुंचे। वहां तार के नीचे से निकाला। रातभर पैदल चलना पड़ा। सुबह मुर्शिदाबाद पहुंचे। वहां एक आदमी ने अपने घर में पनाह दी। यहां से युवक-युवती चले गए।

आंखों से पहचानते थे लड़की बांग्लादेशी है या नहीं
बांग्लादेशी लड़कियों को यहां तक लाने के पीछे की कहानी जो सामने आई, उसके अनुसार बांग्लादेश के एजेंट गरीब परिवार की लड़कियों को काम दिलाने के बहाने चोरी-छिपे बॉर्डर पार करवाकर कोलकाता तक लाते थे। यहां इन्हें एक हफ्ते से ज्यादा रखा जाता था। बॉडी लैंग्वेज और बेहतर रहन-सहन की ट्रेनिंग दी जाती थी। ट्रेंड होने पर लड़कियों को मुंबई भेजा जाता था। यहां फिर ट्रेनिंग दी जाती थी। इनके कुछ फोटो ले लिए जाते थे। इन फोटो को मुंबई का एजेंट मेट्रो सिटी में मौजूद अन्य एजेंट्स को भेजता था। इसके बाद शहरों से आई डिमांड के अनुसार लड़कियों को उन सिटी तक भेजा जाता था। लड़कियों को मुंबई से रवाना करने के पहले उनके दस्तावेज रखवा लिए जाते थे। लड़कियां बांग्लादेश की ही हैं, इसकी पहचान एजेंट आंखों के जरिए करते थे। ये सूरत के स्पा सेंटर्स के अलावा इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, पुणे, मुंबई, बेंगलुरु में भी लड़कियों को भेजते थे।

यह है पूरा मामला
अक्टूबर के आखिरी सप्ताह में विजय नगर पुलिस ने महालक्ष्मी नगर के एक होटल में बंधक बनाकर रखी गईं 13 लड़कियों को छुड़ाया था। इनमें से 9 बांग्लादेश से और चार पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और बिहार से थीं। सभी को नौकरी के बहाने लाया गया था और सेक्स रैकेट में झोंक दिया गया था। बांग्लादेश से लड़कियों को अवैध तरीके से बॉर्डर पार कराकर लाया गया था। जांच में हाई प्रोफाइल सेक्स रैकेट का खुलासा तब हुआ था, जब मुंबई की दो मॉडल्स ने यहां बंधक बनाकर रेप का केस कराया था।

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