जालंधर की चेस प्लेयर का पंजाब सरकार पर फूटा गुस्सा:

बोलने-सुनने में असमर्थ मल्लिका हांडा ने कहा- मैं वर्ल्ड व एशियन गोल्ड मेडलिस्ट और 7 बार की नेशनल चैंपियन, न कोच मिला... न नौकरी

जालंधर की डेफ एंड डंब चेस प्लेयर मल्लिका हांडा का पंजाब सरकार पर गुस्सा फूटा है। हांडा ने सोशल मीडिया के जरिए सरकार के प्रति नाराजगी जाहिर की है। मल्लिका ने कहा कि वह वर्ल्ड व एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडलिस्ट हैं। 7 बार नेशनल चैंपियन रह चुकी हैं। इसके बाद उसे कोई कोच या नौकरी देना तो दूर, पंजाब सरकार ने कोई प्रोत्साहन तक नहीं दिया। हालांकि वह पिछले 7 साल से अपना हक मांग रही है लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो सकी। उसका एक ही सवाल है कि खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के मामले में उसके साथ सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है?

चचेरे भाई व पिता के साथ खेलकर की शुरुआत

जालंधर के ग्रीन एवेन्यू में रहने वाली मल्लिका हांडा सुन व बोल नहीं सकती। इसके बावजूद जब उसकी अंगुलियां शह और मात के खेल चेस बोर्ड पर चलती हैं तो हाथी, घोड़े, प्यादे और राजा व रानी सिर्फ उसी की सुनते हैं। 2010 में उसने चेस खेलने की शुरुआत की। शुरुआत में वह चचेरे भाई व पिता के साथ खेलती थी। परिवार ने देखा कि चेस में उसे महारत है, इसलिए उसकी प्रैक्टिस पर पूरा ध्यान देने लगे। जिसके बाद उसने चेस में कई उपलब्धियां हासिल की। मल्लिका हांडा की मां रेनू हांडा ने कहा कि 7 बार की नेशनल चेंपियन होने के बावजूद सरकार से कोई प्रोत्साहन नहीं मिला।

खेल मंत्री को ट्वीट किया, बोली – मैंने हार्डवर्क किया लेकिन सब बर्बाद हो गया

मल्लिका हांडा ने पंजाब के खेल मंत्री राणा सोढ़ी को ट्वीट किया कि मैं चेस में वर्ल्ड चैंपियन हूं। पंजाब सरकार मुझे नजरअंदाज क्यों कर रही है। करीब 7 साल से इंतजार कर रही हूं, लेकिन न नौकरी मिली और न ही कोई कैश अवॉर्ड। कोई भी मेरा हार्ड वर्क नहीं देख रहा। मैं डिप्रेशन में जा रही हूं। दूसरे राज्य से हों तो गोल्ड मेडल पर करोड़ों रुपए और सरकारी नौकरी के साथ बहुत कुछ मिलता है। पंजाब के लिए यह मेडल सिर्फ एक खिलौने जैसे हैं। डेफ स्पोर्ट्स के साथ पंजाब सरकार ऐसा क्यों कर रही है?

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मल्लिका हांडा को नारी सशक्तिकरण अवॉर्ड से सम्मानित किया।

सोनू सूद से भी मांगी थी मदद, हरियाणा सरकार नौकरी दे रही तो पंजाब क्यों नहीं?

मल्लिका हांडा ने इस बारे में बॉलीवुड एक्टर सोनू सूद से भी मदद मांगी थी। उसने सोनू सूद को ट्वीट कर कहा कि आप बहुत अच्छा काम कर रहे हो। मैं आपसे कहती हूं कि आप मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से संपर्क करो, ताकि पंजाब के खेल विभाग की आंख खुल सके। हरियाणा सरकार इसी डीफ केटेगिरी में खिलाड़ियों को करोड़ों रुपए और सरकारी नौकरी दे रही है।

खेल डायरेक्टर ने कहा, हम डीफ केटेगिरी में कुछ नहीं देते

मल्लिका हांडा ने बताया कि वह पंजाब के खेल डायरेक्टर को मिली थी। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार डीफ स्पोर्ट्स को नौकरी या कैश अवॉर्ड नहीं देती। यह सुनकर मेरा तो भविष्य की बर्बाद हो गया। मल्लिका कहती है कि वह मूक-बधिर है, इसलिए केंद्र या राज्य सरकार उसकी कोई बात नहीं सुन रही। उसने सिद्धू से भी मदद मांगी थी लेकिन किसी ने बात नहीं सुनी।

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