16 वर्षीय छात्रा.. हैवानियत की हदें पार ! ममेरा भाई, जीजा और मामा निकले दरिंदे.. वारदात सुन कांप जाएगी रूह

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी ज़िले से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जहाँ एक 16 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप कर उसकी हत्या कर दी गई। इस घिनौनी वारदात को अंजाम देने वाले कोई और नहीं बल्कि उसके अपने ही रिश्तेदार निकले – ममेरा भाई, जीजा और मामा। पुलिस ने 48 घंटे के भीतर सनसनीखेज खुलासा करते हुए मामले की पूरी साजिश से पर्दा हटा दिया है।

स्कूल जा रही छात्रा की मिली खून से सनी लाश

मैनपुरी के बेवर थाना क्षेत्र के कांसेपुर बंबा के पास गुरुवार दोपहर एक किशोरी का शव पेड़ से लटका मिला। मृतका 11वीं कक्षा की छात्रा थी और अनुसूचित जाति से संबंध रखती थी। गुरुवार सुबह वह स्कूल जाने के लिए घर से निकली थी, लेकिन न तो वह स्कूल पहुंची और न ही दोपहर तक घर लौटी। इसके बाद उसका शव खून से सना हुआ दुपट्टे के फंदे से पेड़ पर लटका मिला।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुली गैंगरेप और हत्या की परतें

पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा और शुक्रवार को डॉक्टरों के पैनल द्वारा की गई रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ। रिपोर्ट में पाया गया कि किशोरी की गला दबाकर हत्या की गई और हत्या से पहले उसके साथ दुष्कर्म भी हुआ था। रिपोर्ट मिलते ही पुलिस ने जांच तेज कर दी और पूरे मामले का महज 12 घंटे के अंदर खुलासा कर दिया।

मामा के फोन कॉल से टूटी साजिश की पहली कड़ी

जांच के दौरान पुलिस को किशोरी के पिता से एक महत्वपूर्ण सूचना मिली। उन्होंने बताया कि गुरुवार दोपहर 1:36 बजे उन्हें नवाबगंज, फर्रुखाबाद निवासी साले जितेंद्र का फोन आया, जिसने बताया कि उनकी बेटी कांसेपुर बंबा के पास है। जब पिता मौके पर पहुंचे तो जितेंद्र उन्हें देर तक घुमाता और गुमराह करता रहा। अंततः उसने एक पेड़ के पास ले जाकर किशोरी का शव दिखाया। पुलिस को शक हुआ और कॉल रिकॉर्ड व अन्य सबूत खंगालने शुरू किए गए।

कॉल रिकॉर्ड से खुला करन और किशोरी का संबंध

पुलिस को कॉल रिकॉर्ड खंगालने पर किशोरी और जितेंद्र के बेटे करन के बीच नजदीकी संबंधों का पता चला। मंगलवार को दोनों के बीच फोन पर बातचीत भी हुई थी। इसके आधार पर पुलिस ने करन, उसके जीजा मोंटी उर्फ राघवेंद्र (निवासी प्रेमपुर, बेवर, मैनपुरी) और जितेंद्र को हिरासत में लेकर पूछताछ की।

खेत में पार्टी के बाद किया गैंगरेप और हत्या

जांच में पता चला कि गुरुवार को करन और मोंटी, किशोरी को स्कूल के रास्ते से बहाने से अपने साथ कांसेपुर बंबा के पास एक खेत में ले गए। वहाँ तीनों ने पहले कोल्ड ड्रिंक और चाऊमीन पार्टी की, फिर करन और मोंटी ने बारी-बारी से किशोरी के साथ बलात्कार किया। जब किशोरी ने शिकायत की धमकी दी, तो दोनों ने गला दबाकर उसकी हत्या कर दी।

मामा ने शव को फांसी का रूप देने की रची साजिश

हत्या के तुरंत बाद करन ने अपने पिता जितेंद्र को फोन करके वारदात की जानकारी दी। जितेंद्र मौके पर पहुंचा और बेटे और दामाद को बचाने के लिए शव को पेड़ पर लटकाकर आत्महत्या का रूप देने की योजना बनाई। वह खुद पेड़ पर चढ़ा, जबकि करन और मोंटी ने शव को ऊपर उठाया और दुपट्टे से फंदा बनाकर उसे टहनी से बांध दिया। इसके बाद जितेंद्र ने दोनों को वहां से भगा दिया।

एनकाउंटर में पकड़ा गया मुख्य आरोपी करन

मुख्य आरोपी करन शुक्रवार रात 2:30 बजे टोडपुर बंबा पटरी से भागने की फिराक में था। पुलिस ने घेराबंदी की तो उसने फायरिंग कर दी और भागते समय बाइक से गिर गया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में करन के दाहिने पैर में गोली लगी और उसे घायल अवस्था में जिला अस्पताल भेजा गया। करन के पास से तमंचा, कारतूस और बाइक बरामद की गई।

पिता जितेंद्र और जीजा मोंटी भी गिरफ्तार, जेल भेजा गया

शनिवार सुबह पुलिस ने करन के पिता जितेंद्र और जीजा मोंटी को भी गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें रिमांड पर भेज दिया गया और बाद में जेल में निरुद्ध कर दिया गया। पुलिस का कहना है कि सभी आरोपियों से कड़ी पूछताछ की जा रही है और केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने की तैयारी की जा रही है।

भरोसे की कीमत — इज्जत और जान देकर चुकाई

मृतक किशोरी दो साल पहले अपनी नानी की मृत्यु के बाद मामा के घर रहने लगी थी। वहीं से उसका ममेरा भाई करन से नजदीकी संबंध बना। किशोरी की नादानी और करन की मंशा को वह समझ नहीं सकी। शादीशुदा होने के बावजूद करन उसका शोषण करता रहा। गुरुवार को भी वह भरोसे में आकर उसके साथ गई थी, लेकिन भरोसे की कीमत उसे अपनी इज्जत और जान दोनों गंवाकर चुकानी पड़ी।

पुलिस की तत्परता से हुआ बड़ा खुलासा

मैनपुरी पुलिस की टीम — एसपी गणेश प्रसाद साहा, एसपी सिटी आईपीएस अरुण कुमार सिंह, सीओ भोगांव सत्यप्रकाश शर्मा, और इंस्पेक्टर बेवर अनिल कुमार सिंह की मेहनत से यह जघन्य मामला बेनकाब हुआ। पुलिस की सूझबूझ और तकनीकी जांच से यह स्पष्ट हो गया कि यह कोई आत्महत्या नहीं बल्कि पूर्व नियोजित गैंगरेप और हत्या थी।

रिश्तों को शर्मसार करती एक वीभत्स वारदात

यह घटना न सिर्फ एक मासूम की जिंदगी लील गई, बल्कि रिश्तों और भरोसे को भी तार-तार कर गई। एक ममेरा भाई, जीजा और मामा मिलकर एक किशोरी की आबरू और जान दोनों छीन लेते हैं — यह समाज को सोचने पर मजबूर करता है कि हमारे बच्चों की सुरक्षा किसके हाथों में है?

 

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