कोर्ट में पेश नहीं हुआ माफिया डॉन मुख्तार अंसारी, कोर्ट ने सुनाया ये फैसला

लखनऊ. 3 अप्रैल 2000 को राजधानी लखनऊ के आलमबाग थाने में दर्ज लखनऊ जेल के तत्कालीन जेलर, डिप्टी जेलर पर हमले ,जेल में पथराव, धमकाने के मामले में पूर्वांचल के माफिया डाॅन मुख्तार अंसारी (Mafia Dan Mukhtar Ansari) को शुक्रवार को भी एमपी-एमएलए (MP-MLA Court) की विशेष अदालत में पेश होना था,लेकिन वो पेश नहीं हुआ. इस पर कोर्ट ने नाराजगी जताई. इसके साथ एमपी- एमएलए कोर्ट ने अंसारी की व्यक्तिगत पेशी के लिए बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक, एडीजी जेल, लखनऊ के पुलिस कमिश्नर, डीएम, डीजीपी, एसीएस होम, मुख्य सचिव को पत्र भेजने का आदेश दिया. कोर्ट ने 29 सितंबर को मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है.

दरअसल 20 साल से लंबित मामले में मुख्तार अंसारी के पेश न होने से कोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि कई आदेशों के बाद भी मुख्तार अंसारी को कोर्ट में पेश नहीं किया जा रहा है, कोई रिपोर्ट भी नहीं भेजी जा रही. जबकि इस मामले में अब मुख्तार अंसारी पर आरोप तय होने हैं. पिछली सुनवाई पर मुख्तार की पत्रावली अलग करके अन्य अभियुक्तों कल्लू पंडित, लालजी यादव, आलम, युसूफ चिश्ती के खिलाफ आरोप आरोप तय कर दिए गए हैं, अब साक्ष्य की कार्यवाही शुरू होनी है.

मामले की ऐसी स्थिति में आने के बाद भी मुख्तार अंसारी के बाबत कोई भी रिपोर्ट नहीं आ रही है. कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए कहा कि इस मामले में अभियोजन पक्ष कोई रुचि नहीं ले रहा है जिसकी वजह से कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पा रही है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 29 सितंबर को होगी. इस मामले की एफआईआर 3 अप्रैल 2000 को लखनऊ के जेलर एसएन द्विवेदी ने आलमबाग थाने में दर्ज कराई थी. एफआईआर में मुख्तार अंसारी, युसूफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित और लालजी यादव समेत कई लोगों को नामजद किया गया था.

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