UP: ढाई साल की मासूम से दुष्कर्म – मौत की सजा, वो भी ‘ऑन द स्पॉट’.. Lucknow में रेपिस्ट का Encounter

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में शुक्रवार तड़के एक सनसनीखेज मुठभेड़ के दौरान ढाई वर्ष की बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी पुलिस की गोली लगने से मारा गया। यह मामला पूरे प्रदेश में आक्रोश और चिंता का कारण बन गया था। आरोपी की पहचान दीपक वर्मा के रूप में हुई थी और वह गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार हो रहा था। इससे पहले कि वह जिले की सीमा पार कर पाता, पुलिस से उसका आमना-सामना हो गया।
दुष्कर्म की शिकायत के बाद सक्रिय हुई पुलिस
पांच जून की सुबह लगभग 10 बजे ढाई साल की मासूम बच्ची से दुष्कर्म की शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस जघन्य अपराध की सूचना मिलते ही लखनऊ पुलिस तुरंत हरकत में आई और केस दर्ज कर आरोपी की गिरफ्तारी के लिए पांच विशेष टीमें गठित की गईं।
सीसीटीवी फुटेज से हुई आरोपी की पहचान
जांच के दौरान पुलिस ने आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, जिनसे आरोपी की पहचान दीपक वर्मा के रूप में हुई। अपराध की गंभीरता को देखते हुए पुलिस कमिश्नर को आरोपी पर ₹1 लाख का इनाम घोषित करने का प्रस्ताव भेजा गया था। इससे पहले कि इनाम की आधिकारिक घोषणा होती, पुलिस को मुखबिर से बड़ी सूचना मिली।
मुखबिर की सूचना पर घेराबंदी, फिर मुठभेड़
मुखबिर ने पुलिस को बताया कि आरोपी दीपक वर्मा अब भी क्षेत्र में छिपा हुआ है और जिले से भागने की फिराक में है। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने इलाके की घेराबंदी की। खुद को घिरता देख आरोपी ने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने गोली चलाई, जो आरोपी को जा लगी।
अस्पताल में मौत, लखनऊ पुलिस की त्वरित कार्रवाई सराहनीय
घायल आरोपी को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डीसीपी सेंट्रल आशीष श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई पूरी तरह नियमों के तहत और आत्मरक्षा में की गई। बच्ची के साथ हुए इस घिनौने अपराध के बाद से पुलिस पर लगातार दबाव था, और त्वरित कार्रवाई ने आम जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाया है।
अपराध पर त्वरित न्याय: पुलिस की सख्त कार्यप्रणाली
इस मुठभेड़ ने एक बार फिर यह साबित किया है कि उत्तर प्रदेश पुलिस महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शने के मूड में नहीं है। आरोपी के खिलाफ जांच और सबूतों के आधार पर की गई कार्रवाई ने यह भी दिखाया कि लापरवाही के बजाय तेजी से न्याय सुनिश्चित करना पुलिस की प्राथमिकता है।