IRS अधिकारी और जॉइंट कमिश्नर में “सिर फुटव्वल”.. क्रिकेट मैच से क्या है संबंध ? नौकरशाही की खुली पोल

लखनऊ, 30 मई 2025 — यूपी की राजधानी लखनऊ में गुरुवार को इनकम टैक्स विभाग के दो आईआरएस अधिकारियों के बीच हुई मारपीट ने प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें एक अधिकारी के खून से लथपथ चेहरे की तस्वीरें सामने आई हैं। यह मामला अब सिर्फ एक झगड़े का नहीं रह गया, बल्कि एक गहरी साजिश, पद का दुरुपयोग और विभागीय दुश्मनी की परतें खोल रहा है।

क्रिकेट मैच से शुरू हुआ विवाद, जानलेवा हमले तक पहुंचा

2016 बैच के आईआरएस अधिकारी गौरव गर्ग ने गंभीर आरोप लगाते हुए बताया कि उनके ऑफिस में जॉइंट कमिश्नर योगेंद्र मिश्रा अचानक घुस आए और उनके साथ मारपीट शुरू कर दी। हमला इतना घातक था कि गर्ग के चेहरे और सिर पर गंभीर चोटें आईं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह हमला पूर्व के एक क्रिकेट मैच से जुड़ी रंजिश का नतीजा है, जिसमें मिश्रा को शामिल नहीं किया गया था।

योगेंद्र मिश्रा पर हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज

लखनऊ पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। पुलिस उपायुक्त (DCP) आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि आरोपी अधिकारी योगेंद्र मिश्रा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 307 (हत्या की कोशिश) और सरकारी कार्य में बाधा डालने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पुलिस ने गौरव गर्ग की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच शुरू कर दी है।

वायरल वीडियो से बढ़ा विवाद, सोशल मीडिया पर हंगामा

सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में घायल अधिकारी गौरव गर्ग की हालत देख लोग आक्रोशित हैं। इस वीडियो को लेकर कई तरह की चर्चाएं हो रही हैं। कुछ लोग इसे विभागीय राजनीति का नतीजा बता रहे हैं, तो कुछ इसे प्रशासनिक ढांचे में गिरावट का चिन्ह मान रहे हैं।

“मुझे ब्लैकमेल किया गया, साजिश का शिकार हूं”

आरोपी अधिकारी योगेंद्र मिश्रा ने सोशल मीडिया पर लंबी पोस्ट डालते हुए अपने बचाव में कई गंभीर दावे किए हैं। उन्होंने कहा कि वे 2022 से गौरव गर्ग की कर जांच में की गई चूक को उजागर कर रहे थे, जिससे गौरव गर्ग उनसे दुश्मनी पाल बैठे। मिश्रा ने यह भी आरोप लगाया कि 13 फरवरी को एक विभागीय क्रिकेट मैच में हुआ मामूली विवाद जानबूझकर तूल दिया गया, और महीनों बाद उसी का वीडियो वायरल कर उन्हें बदनाम किया गया।

50 हजार की ब्लैकमेलिंग और गैरकानूनी ट्रांसफर का आरोप

योगेंद्र मिश्रा ने दावा किया कि वायरल वीडियो के जरिए उन्हें ₹50,000 की ब्लैकमेलिंग का शिकार बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि यह वीडियो गौरव गर्ग की आईपीएस पत्नी के माध्यम से एक ब्लैकमेलर पत्रकार तक पहुंचाया गया। इसके तुरंत बाद उनका तबादला लखनऊ से काशीपुर कर दिया गया, और तबादला आदेश मीडिया में पहले लीक कर दिया गया — जो सेवा प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन है।

निष्पक्ष जांच की मांग, मिश्रा ने पुलिस आयुक्त को दिए सबूत

मिश्रा ने बताया कि उन्होंने लखनऊ पुलिस आयुक्त को अपनी शिकायत के साथ सीसीटीवी फुटेज, गवाहों के बयान और अन्य साक्ष्य सौंप दिए हैं। उन्होंने अपील की है कि उनके खिलाफ FIR दर्ज करने से पहले निष्पक्ष और प्रमाण आधारित जांच की जाए, ताकि उन्हें बेवजह प्रताड़ित न किया जाए।

राजनीतिक संरक्षण की भी आशंका

इस पूरे घटनाक्रम ने आयकर विभाग की कार्यप्रणाली और आंतरिक राजनीति को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। एक तरफ जहां गौरव गर्ग पर हमला हुआ, वहीं दूसरी ओर योगेंद्र मिश्रा बार-बार खुद को बेगुनाह बता रहे हैं और पूरे मामले को ‘ईमानदारी की सजा’ करार दे रहे हैं। अब यह देखना होगा कि जांच किस दिशा में जाती है, और क्या इस विभागीय युद्ध की परतों के नीचे और भी कुछ छिपा है।

नौकरशाही में ईमानदारी की सजा या शक्ति का दुरुपयोग?

लखनऊ में आईआरएस अधिकारियों के बीच हुआ यह टकराव केवल एक व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि पूरी नौकरशाही और विभागीय पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है। क्या यह ईमानदारी का बदला है या सत्ता और अहंकार की लड़ाई? इस सवाल का जवाब आने वाली जांच में ही सामने आएगा। लेकिन फिलहाल, इस मामले ने सरकारी सेवा के विश्वास और गरिमा को गहरी चोट पहुंचाई है।

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