विकास दुबे एनकाउंटर मामले पर दर्ज की गई सरकार के खिलाफ याचिका लखनऊ कोर्ट ने की खारिज

उत्तर प्रदेश के गैंगस्टर विकास दुबे के एनकाउंटर मामले को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच से अब राहत मिल गई है। कोर्ट ने आज सरकार के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। यह याचिका नंदिता ठाकुर ने दर्ज की थी। जिसे लेकर कोर्ट में आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आज सुनवाई की गई थी।

याचिकाकर्ताओं ने मांग की थी कि कोर्ट आयोग बनाकर सेटिंग जज या रिटायर्ड जज से न्यायिक जांच करें। लेकिन इस याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिससे उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ी राहत मिली है। बता दें कि सरकार की तरफ से कोर्ट में कहा गया है कि रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच आयोग का गठन कर दिया गया है। सीनियर आईएएस की अध्यक्षता में एसआईटी बना दी गई है और पूरे मामले की जांच शुरू हो गई है।

वहीं दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पंकज जायसवाल और जस्टिस करुणेश पवार ने फैसला दिया कि एसआईटी और आयोग से कानपुर मामले की जांच जारी है। कोर्ट ने नंदिता ठाकुर से कहा कि आपकी मांगे मानी जा चुकी हैं याचिका खारिज की जाती है। कोर्ट के इस फैसले से सरकार को बड़ी राहत मिली है।

वही इलाहाबाद हाईकोर्ट में जुडिशल इंक्वायरी की मांग को लेकर एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। जनहित याचिका में कोर्ट से मॉनिटरिंग की भी मांग की गई है। हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के महासचिव प्रभा शंकर मिश्रा की ओर से दाखिल एक जनहित याचिका पर सुनवाई की स्वीकृति चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने दी है। 15 जुलाई को इस जनहित याचिका पर सुनवाई भी होगी।

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