श्रीकृष्ण की सीख:काम, क्रोध और लोभ नरक के द्वार हैं, इन तीन बुराइयों की वजह से जीवन में अशांति रहती है

 

 

आज श्रीकृष्ण जन्माष्टमी है। श्रीकृष्ण ने महाभारत युद्ध से पहले अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। ये बातें आज भी हमारी कई परेशानियां दूर कर सकती हैं।

महाभारत युद्ध शुरू होने वाला था। कौरव और पांडवों की सेनाएं आमने-सामने खड़ी थीं। कौरव पक्ष में भीष्म, द्रोणाचार्य, कृपाचार्य, दुर्योधन, अश्वथामा आदि योद्धा थे, जिन्हें देखकर अर्जुन निराश हो गए थे। उन्होंने श्रीकृष्ण से कहा कि मैं इन लोगों से युद्ध नहीं कर सकता। मैं ये नहीं जानता कि हमारे लिए युद्ध करना और युद्ध न करना, इन दोनों में से कौन-सा विकल्प ज्यादा सही है। मुझे ये भी नहीं मालूम कि हम उन्हें जीतेंगे ये वे हमें जीतेंगे। मेरे सामने खड़े इन सभी योद्धाओं को मारकर मैं जीना भी नहीं चाहता। ये सभी धृतराष्ट्र के संबंधी ही हमारे सामने खड़े हैं। मैं इन सभी से युद्ध नहीं कर सकता है।

अर्जुन की ऐसी बातें सुनकर श्रीकृष्ण ने गीता का ज्ञान दिया और कर्म का महत्व समझाया था। यहां जानिए श्रीकृष्ण की कुछ ऐसी खास बातें, जिनका ध्यान रखने पर हमारी भी कई परेशानियां दूर हो सकती हैं…

 

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