जिन हाथो में होती थी किताब आज वही हाथ उठा रहे है हथियार, यूपी में यहां लॉरेंस गैंग तैयार कर रहा शूटर ?

बाह इलाके में लॉरेंस बिश्नोई गैंग की नई साजिश: उत्तर प्रदेश के आगरा जिले और आसपास के सीमावर्ती ग्रामीण इलाकों में बेरोज़गार युवाओं को शूटरों में तब्दील करने की खतरनाक रणनीति सामने आई है। गैंग उन्हें मोबाइल मैसेज के ज़रिए मिशन मिसाइल की तरह भेजता है — एक सिग्नल पर शूटर हथियार उठाते हैं, फायरिंग करते हैं और मिशन पूरा करके गायब हो जाते हैं।
गैंग भर्ती का जाल
बेरोज़गार युवाओं को निशाना: गैंगरे रहित ग्रामीण इलाकों में रोजगारहीन युवाओं को आकर्षक हरकतों और भारी नकद के लुभावने वादों के साथ भर्ती किया जा रहा है। उनके पास देशी पिस्तौल, लगभग ₹1 लाख कैश, और शूटर ट्रेनिंग पहुंचाई जाती है। इससे परवानती और जीविकोपार्जन दोनों की उम्मीद बनाई जा रही है।
संचालन का तरीका
एक इशारे पर मिशन: शूटर एक सिग्नल की आड़ में काम करते हैं। आदेश मिलते ही हथियार ले जाकर फायरिंग कर वापस छिप जाते हैं। स्थानीय सतर्कता और तकनीकी पहचान को बचाने के उद्देश्य से इतना हाई‑टेक तरीका अपनाया जा रहा है।
चम्बल रेंज की भूमिका
चम्बल में AK‑47 प्रशिक्षण शिविर: राजस्थान के चम्बल ( धौलपुर-करौली) की खोहों में गैंग ने गुप्त शूटिंग रेंज तैयार की है, जहाँ AK‑47 जैसे विदेशी हथियार का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जीतू चम्बल नामक गैंगस्टर के आदान‑प्रदान सहित प्रशिक्षित स्तर की ओसिलेटर प्रणाली विकसित है।
गैंग की विस्तृत पहुँच
700+ शूटरों का नेटवर्क: लॉरेंस बिश्नोई गैंग में लगभग 700 प्रशिक्षित शूटर शामिल हैं, जिनमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, यूपी समेत कई राज्य शामिल हैं। इनमें से कई जेल में भर्ती गिरफ्तारी के दौरान recrut किए जाते हैं और जेल से निर्देशों के साथ बाहर भेजे जाते हैं। उनका संचालन विदेशों (यूएसए, कनाडा) स्थित सहयोगियों द्वारा होता है।
हाई‑प्रोफ़ाइल हमले
बॉलीवुड और राजनीति तक पहुंच: गैंग ने कई बड़े हमलों की जिम्मेदारी ली है—
तुलनात्मक रूप से प्रशिक्षित शूटरों ने मुंबई में पूर्व MLA बाबा सिद्दी पर हमला किया।
बॉलीवुड स्टार सलमान खान के घर पर फायरिंग की योजना बनाई गई।
पंजाबी सिंगर सिद्धू मोसेवाला की हत्या भी बिश्नोई नेटवर्क द्वारा करवाई गई थी।
इन में से कई हमले गैंग की ग्लोबल रणनीति का हिस्सा हैं।
पुलिस‑प्रतिक्रिया एवं चुनौतियाँ
स्थानीय जागरूकता और छापेमारी:
आगरा डीसीपी (पूर्वी) सैयद अली अब्बास की अगुवाई में ग्रामीण संवाद और अभिभावक जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं ताकि युवा वर्ग को आक्रामकता से बचाया जा सके।
चम्बल रेंज से आख़िरी कदमों में हथियार रिहाई और नेटवर्क की पैठ को चुनौती दी जा रही है। जीतू चम्बल सहित कई संबद्ध गिरफ्तार किए गए हैं और पुलिस अधिकारी क्षेत्रीय सर्किलों की निगरानी कर रहे हैं।
लॉरेंस बिश्नोई गैंग अब केवल स्थानीय गैंग ही नहीं, बल्कि एक हाई‑टेक संगठित अपराध नेटवर्क बन चुका है, जिसका संचालन जेल और मोबाइल टेक्नोलॉजी से नियंत्रित होता है। बेरोज़गाररूरल युथ को पैसा और शार्पशूटर-वजीफा देते हुए उन्हें गुप्त मिशन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।चम्बल -आगरा चर्चाओं में गैंग‑ट्रेनिंग हब बन चुका है और पुलिस भी स्थिति को बहुत गंभीरता से ले रही है।