IAS अफसर की टीम पर हमला.. कान-नाक में घुसीं मधुमक्खियां, चेहरे पर 500 डंक.. बेहोश हुए अधिकारी

ललितपुर जिले के देवगढ़ क्षेत्र में जल जीवन मिशन और पर्यटन संभावनाओं का निरीक्षण करने पहुंचे अधिकारियों की टीम पर अचानक मधुमक्खियों ने हमला कर दिया। इस हमले में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) कमलाकांत पांडेय बेहोश हो गए और उनके गनर चंद्रपाल सिंह समेत कई अन्य अफसर गंभीर रूप से घायल हो गए। पूरे घटनाक्रम का वीडियो भी सामने आया है, जिसने प्रशासनिक तैयारियों और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
पर्यटन संभावनाओं की समीक्षा के लिए पहुंचे थे अफसर
दरअसल, ललितपुर के देवगढ़ क्षेत्र में पर्यटन की अपार संभावनाओं की समीक्षा के लिए 25 मई को नोडल अधिकारी (रेशम विभाग) की अगुवाई में एक उच्चस्तरीय टीम पहुंची थी। टीम में CDO कमलाकांत पांडेय, ADM (नमामि गंगे) राजेश श्रीवास्तव, BDO बिरधा, अधिशासी अभियंता जल निगम अवनीश और सचिव शैलेंद्र शामिल थे। सभी अधिकारी पहले दशावतार मंदिर के भग्नावशेष देखने गए और फिर बौद्ध गुफाओं की ओर बढ़े।
बौद्ध गुफाओं के पास मधुमक्खियों ने किया हमला
जैसे ही अधिकारी बौद्ध गुफा के पास पहुंचे, अचानक मधुमक्खियों के झुंड ने हमला बोल दिया। अफसर और कर्मचारी अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कुछ लोग पेड़ के पीछे छिपे, कुछ दौड़ पड़े और कुछ जमीन पर लेट गए। इस अफरातफरी में कई लोग घायल हो गए।
CDO और ADM नहीं भाग पाए, बेहोशी की हालत में मिले
हमले में सबसे ज्यादा नुकसान CDO कमलाकांत पांडेय और ADM राजेश श्रीवास्तव को हुआ, जो मधुमक्खियों की चपेट में आ गए। गनर चंद्रपाल सिंह उन्हें बचाने की कोशिश में उनके ऊपर झुक गया, लेकिन मधुमक्खियों ने उसे भी निशाना बना लिया। दोनों बेहोश होकर जंगल में गिर पड़े। CDO का मुंह मिट्टी में धंसा हुआ था।
कंबल ओढ़कर पहुंचे ADM (राजस्व)
घटना की जानकारी मिलते ही ADM (राजस्व) अंकुर श्रीवास्तव और SDM चंद्रभूषण सिंह ग्रामीणों के साथ कंबल ओढ़कर जंगल में पहुंचे। उन्होंने बेहोश पड़े CDO और गनर को चारपाई पर लादकर एक किलोमीटर तक पैदल बाहर लाया। फिर उन्हें ट्रैक्टर से एंबुलेंस तक पहुंचाया गया और अस्पताल भेजा गया।
राजेश श्रीवास्तव के शरीर से निकाले गए 500 डंक
मधुमक्खी हमले में ADM (नमामि गंगे) राजेश श्रीवास्तव को सबसे गंभीर चोटें आई हैं। झांसी मेडिकल कॉलेज में डॉक्टरों ने उनके चेहरे से 500 से अधिक मधुमक्खियों के डंक निकाले। उनके कानों से भी चार मधुमक्खियां निकाली गई हैं। अन्य तीन कर्मचारियों की हालत भी चिंताजनक बनी हुई है।
हमले की वजह: इत्र की खुशबू या छेड़खानी?
वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि अधिकारियों द्वारा पहने गए इत्र की खुशबू से मधुमक्खियां आकर्षित हो गईं। हालांकि, इस बात की भी आशंका है कि किसी की छेड़खानी की वजह से मधुमक्खियां उत्तेजित हो गई हों। विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल में जाते समय ऐसी सुगंधित वस्तुओं से परहेज करना चाहिए।
राजनीतिक सवाल भी उठे: BJP के दौर में दिखावटी सर्वेक्षण?
इस पूरी घटना ने सरकारी व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है। विपक्षी दलों का कहना है कि भाजपा सरकार जनता के टैक्स का पैसा गोशालाओं, छुट्टा पशुओं और जल जीवन मिशन जैसे दिखावटी कार्यक्रमों पर बर्बाद कर रही है। घटना में घायल अफसरों को समय पर अस्पताल पहुंचाने का श्रेय समाजवादी पार्टी के कार्यकाल में बनी सड़कों और एंबुलेंस सेवाओं को दिया जा रहा है।
अफसरों की जान पर बनी, लेकिन प्रशासनिक लापरवाही जारी
ललितपुर की यह घटना सिर्फ एक हादसा नहीं, बल्कि प्रशासनिक तैयारियों की पोल खोलने वाली चेतावनी है। ऐसे दौरों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी और जंगल क्षेत्रों में बिना उचित प्रबंधन के जाना, अफसरों की जान पर भारी पड़ सकता है।