आठ विधायक देने वाले लखीमपुर खीरी को इस बार भी नहीं मिली तवज्जो

2017 के चुनाव में भी भाजपा सभी आठों सीटें जीती और इस बार 2022 के चुनाव में नहीं मिली सीट

लखनऊ: यूपी विधानसभा के दो चुनावों में लगातार आठों सीटें देने वाले खीरी जिले की झोली इस बार भी खाली रही। जिले के किसी विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है। इससे जिले के सियासी गलियारों में मायूसी छा गई। खीरी जिले में लगातार दो विधानसभा चुनावों से भाजपा रिकॉर्ड बनाती रही। 2017 के चुनाव में भी भाजपा सभी आठों सीटें जीती और इस बार 2022 के चुनाव में भी। बावजूद इसके जिले का कद लखनऊ में नहीं बढ़ सका।

इस बार तो कई सीटों पर कांटे के मुकाबले के बाद भाजपा ने जीत हासिल की थी। लगातार दो बार क्लीन स्वीप के बाद इस बार उम्मीदें थीं। इस बार मंत्री पद की दौड़ में कई नाम चल रहे थे। इनमें पांचवी बार के विधायक अरविंद गिरि का नाम सबसे आगे था। चार दिन पहले सोशल मीडिया पर संभावित मंत्रियों की कथित सूची चलने लगी। उसमें भी उनका नाम था। हालांकि भाजपा नेताओं ने उस सूची को गलत बताया था।

कस्ता विधायक सौरभ सिंह सोनू

इस बीच शुक्रवार की सुबह कस्ता विधायक सौरभ सिंह सोनू का नाम चलने लगा। हालांकि वह चर्चा भी निराधार निकली। निघासन में सबसे ज्यादा वोट से जीते शशांक वर्मा और मोहम्मदी विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह का नाम भी चर्चा में था। पर जिले को इस बार भी निराशा हाथ लगी। कोई भी मंत्री पद न मिलने से सोशल मीडिया पर लगातार चर्चा रही।लोगों ने कहा कि खीरी से आठों विधानसभा और एक एमएलसी भाजपा को मिला, फिर भी किसी को मंत्री नहीं बनाया जा सका। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि जिले के दोनों सांसदों के पास पहले से बड़ी जिम्मेदारी हैं। खीरी सांसद अजय मिश्र टेनी गृह राज्य मंत्री हैं। धौरहरा सांसद रेखा वर्मा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व उत्तराखंड की प्रभारी हैं। ऐसे में सभी पद खीरी जिले को मिलना संभव नहीं है।

रामकुमार वर्मा के बाद नहीं बना कोई कैबिनेट मंत्री

खीरी जिले को रामकुमार वर्मा के बाद कोई कैबिनेट मंत्री नहीं मिल सका। रामकुमार वर्मा 1991 में भी मुख्यमंत्री कल्याण सिंह की सरकार में विधायक बने और लोक निर्माण मंत्री बनाए गए। 1993 का चुनाव जीतने के बाद रामकुमार वर्मा के पास वित्त मंत्री और लोक निर्माण राज्य मंत्री का भी दायित्व रहा। फिर 1997 में जीतने के बाद वे सहकारिता मंत्री बनाए गए। हालांकि वर्ष 2002 में सपा सरकार में वंशीधर राज परिवहन राज्यमंत्री बनाए गए थे। 2002 में ही यशपाल चौधरी लघु सिंचाई राज्य मंत्री रहे हैं।

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