अस्पतालों में ऑक्सीजन की भारी कमी, आपूर्ति के रूकने से भयावह हो जाएंगे हालात : सिसोदिया

नयी दिल्ली दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की बहुत ज़्यादा कमी है और हालात इतने खराब है कि कुछ अस्पतालों में अगले दो-तीन घंटे के लिए ही ऑक्सीजन उपलब्ध है और ज़्यादातर अस्पतालों में सिर्फ सात-आठ घंटे के लिए ऑक्सीजन बाकी है।

सिसोदिया ने गुरुवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि केंद्र सरकार से दिल्ली में ऑक्सीजन की नियमित सप्लाई पर ध्यान देने और अन्य राज्यों द्वारा दिल्ली की ऑक्सीजन सप्लाई में हस्तक्षेप को रोकने पर उचित कदम उठाने की मांग की। केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि दिल्ली में हरियाणा और उत्तर प्रदेश से आने वाले ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए ज़रूरत होने पर अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती भी की जाए। ऑक्सीजन सप्लाई को लेकर जो जंगलराज चल रहा है उसे खत्म किया जाए वरना हालात खराब होते चले जाएंगे।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कल केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली के साथ-साथ बाकी राज्यों का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाया गया। लेकिन उसके बावजूद हरियाणा और उत्तर प्रदेश के प्लांटों में वहां के अधिकारी दिल्ली की ऑक्सीजन आपूर्ति को रोकने का काम कर रहे है। उन्होंने बताया कि कल पानीपत में हरियाणा सरकार के कुछ अधिकारियों ने दिल्ली के हिस्से की ऑक्सीजन रोक ली जो रात तीन बजे तक भी नहीं भेजी जा सकी। उन्होंने बताया कि कल दिल्ली को 378 मीट्रिक टन ऑक्सीजन में से केवल 177 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिल पाया क्योंकि हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों द्वारा पुलिस की सहायता से दिल्ली के ऑक्सीजन टैंकरों को रोक दिया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की बहुत ज़्यादा कमी है। उन्होंने कहा कि हालात इतने खराब है कि कुछ अस्पतालों में अगले दो-तीन घंटे के लिए ही ऑक्सीजन उपलब्ध है और ज़्यादातर अस्पतालों में सिर्फ सात से आठ घंटे के लिए ऑक्सीजन बाकी है।

उन्होंने केंद्र सरकार से अपील करते हुए कहा कि जिस दरियादिली से केंद्र सरकार ने कल दिल्ली के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ाया है। केंद्र सरकार अब कड़े कदम उठाते हुए उसकी आपूर्ति भी सुनिश्चित करें क्योंकि अगर ऐसा नहीं हुआ तो लोगों को बचाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस संकट के समय राज्यों को आपस में लड़ने के बजाय साथ मिलकर इस महामारी से लड़ना है इसलिए ऑक्सीजन को लेकर इस खींचतान को खत्म किया जाए।

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