लखनऊ के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी, मेयो अस्पताल ने मरीजों के लिए चिपकाया नोटिस

लखनऊ. एक तरफ योगी सरकार  उत्तर प्रदेश के अस्पतालों में ऑक्सीजन  की कमी नहीं होने देने के दावे कर रही है. खुद सीएम योगी के निर्देश पर झारखंड के बोकारो आज एक ऑक्सीजन के टैंकर भेजे जा रहे हैं, जिनके बोकारो से ऑक्सीजन भरकर यूपी लाने की बात है. वहीं दूसरी तरफ राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी से गंभीर कोविड मरीजों के इलाज का बड़ा संकट खड़ा हो गया है. ऑक्सीजन की कमी के चलते अस्पतालों से मरीज लौटाए जा रहे हैं, वहीं जो भर्ती हैं, उन्हें दूसरे अस्पतालों में जाने के लिए कहा गया है. मेयो अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी का नोटिस चिपका दिया गया है.

इस नोटिस के चिपकाए जाने के बाद ऑक्सीजन पर चल रहे मरीजों की जान आफत में है. अस्पताल प्रबंधन की तरफ से तीमारदारों से अपने मरीज़ों को दूसरे अस्पतालों में ले जाने को कहा गया. यही नहीं यहां ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीज लौटाये जा रहे हैं. मेयो अस्पताल की तरफ से सीएमओ को चिट्ठी भी लिखी गई है. इसमें ऑक्सीजन की कमी को लेकर जल्द से जल्द सप्लाई देने की मांग की गई है. मेयो अस्पताल ही नहीं शहर के दूसरे अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की किल्लत जानलेवा स्थिति तक पहुंच गई है. लखनऊ के गोमतीनगर वास्तुखंड के मेकवेल अस्पताल में भी ऑक्सीजन की दिक्कत हो गई है.

मेयो अस्पताल का नोटिस

ऑक्सीजन लेने ट्रेन से भेजे जा रहे टैंकर

बता दें आज ही सीएम योगी के निर्देश पर ऑक्सीजन की उपलब्धता तत्काल बढ़ाने के लिए लखनऊ से टैंकर ट्रेन द्वारा झारखंड के बोकारो भेजे जा रहे हैं. ये टैंकर बोकारो से ऑक्सीजन भरकर लखनऊ आएंगे. सीएम योगी के निर्देंश पर तेज़ी से ऑक्सीजन उपलब्धता बढ़ाने के लिए सड़क और ट्रेन दोनों मार्गों का इस्तेमाल किया जा रहा है. बता दें कल रात मुरादाबाद से पुलिस सुरक्षा में लखनऊ टैंकर लाए गए.

प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है: सीएम

सीएम योगी का कहना है कि प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है. मांग के अनुरूप ऑक्सीजन उपलब्ध कराया जा रहा है. उन्होंने निर्देश है कि भारत सरकार से आवंटित ऑक्सीजन को यथाशीघ्र प्रदेश में उपलब्ध कराया जाए. ऑक्सीजन की मांग और आपूर्ति में संतुलन बना रहे इस हेतु सभी अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन का ऑडिट कराया जाना चाहिए. ऑक्सीजन की कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ त्वरित और कठोरतम कार्रवाई की जाए. अति गंभीर परिस्थिति को छोड़कर किसी भी इंडिविजुअल व्यक्ति को ऑक्सीजन की आपूर्ति न की जाए. केवल संस्थागत आपूर्ति ही होगी.

अस्पतालों में 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप रखें अफसर: सीएम

उन्होंने कहा कि सभी ऑक्सीजन रीफिल केंद्रों पर जिम्मेदार अधिकारियों की तैनाती की जाए. यह सुनिश्चित करें कि ऑक्सीजन का वितरण पारदर्शी ढंग से हो. ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ा जाए तथा प्लांट्स पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया जाए. स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा, औद्योगिक विकास, एमएसएमई तथा गृह विभाग आपसी समन्वय से इस कार्य को करें. टैंकर/सिलिंडर का कोई अभाव नहीं है. प्रत्येक अस्पताल में न्यूनतम 36 घंटे का ऑक्सीजन बैकअप होना चाहिए.

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