यूपी में जाजपुर गैंग का आतंक.. पुलिस से भीषण एनकाउंटर, 2 बदमाशों को लगी गोली, जानिए पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में मंगलवार (17 जून 2025) को सुबह-सुबह एक उच्च स्तरीय एनकाउंटर हुआ, जिसमें ओडिशा के जाजपुर जिले से भागे दो अंतरराज्यीय अपराधी घायल होकर पुलिस की गिरफ्त में आ गए। यह मुठभेड़ पुलिस के शुरुआती रैकी और पूर्व सूचना के आधार पर हुई थी, जिससे गैंग की आपराधिक गतिविधियों पर महत्वपूर्ण मुकाम हासिल हुआ।
घटना स्थल और समय
घटना तड़के की है, लगभग 10:30 बजे सुबह स्पेशल टास्क फोर्स और स्वाट टीम ने हाटा कोतवाली क्षेत्र में किस्तूराजा स्कूल के सामने घेराबंदी की थी।
इलाके की पैनी निगरानी और चेकिंग के दौरान मोटरसाइकिल से दो संदिग्ध पहुंचे, जिन्हें पुलिस ने रोकने की कोशिश की।
मुठभेड़ की स्थिति
जब संदिग्धों को रोका गया, तो उन्होंने पुलिस पर जानलेवा फायरिंग की।
जवाब में पुलिस ने खुद बचाव में फायरिंग की, जिससे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और पकड़े गए ।
आरोपियों की पहचान
पकड़े गए आरोपियों की पहचान हुई: जितू प्रधान, पुत्र अन्ना राव प्रधान, निवासी दश्मनीया, थाना जाजपुरा, जिला जाजपुर (ओडिशा) किशोर प्रधान, पुत्र नारायण प्रधान, भी वहीं के निवासी।
पकड़ा गया जब्त सामान
दोनों आरोपियों के कब्जे से बरामद हुए: दो अवैध तमंचा, 4 जिन्दा कारतूस + 4 खोखा कारतूस, चोरी के भारी मात्रा में सफेद व पीली धातु के आभूषण, दो मोबाइल फोन, एक बिना नंबर की मोटरसाइकिल, 8 कपड़े का कैटलोग (आत्म-संदेह भड़काने की रणनीति), अपराध से अर्जित नकद ₹15,000
गैंग की तस्करी व चोरी की कार्यप्रणाली
पुलिस का अनुमान है कि यह गैंग टप्पेबाजी, डिक्की तोड़कर आभूषण चोरी, और सुनारों की रेकी कर अपराध करता था। दोनों क्षेत्र—पडरौना व हाटा—में इसी गैंग द्वारा ऐसी चोरी की वारदातें सामने आई थीं, जिनमें डिग्गी टूटकर आभूषण चोरी हुए थे। रेडी-मेड कैटलोग लेकर चलते थे ताकि पूछताछ पर “कपड़ों का व्यापार” बता सकें।
पुलिस की कार्यवाही और अहम टीमें
घटना में शामिल पुलिस टीम में मुख्य रूप से थे:
हाटा कोतवाल: राम सहाय चौहान
पडरौना कोतवाल: रवि कुमार राय
स्वाट टीम प्रमुख: आशुतोष सिंह
निरीक्षक: अमित शर्मा
फायरिंग में घायल आरोपियों को तुरंत गिरफ्तार कर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
क्यों यह मुठभेड़ मायने रखती है ?
यह अंतरराज्यीय गैंग हटा-पडरौना समेत आसपास के इलाकों में लंबे समय से सक्रिय था।
विपरीत राज्यों (ओडिशा–यूपी) में कार्य कर रही इस गैंग पर पुलिस की संयुक्त कार्रवाई और सटीक सूचना आधारित कार्यवाही इस मामले की खास बात है।
इससे स्थानीय शांति बनाए रखने के साथ-साथ सुनारों के कारोबार व आम नागरिक की सुरक्षा दोहरा फायदा होगा।
आगे की जांच और प्रक्रिया
पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर रैकेट की पूरी नेटवर्क खंगाल रही है।
चोरियों के रिकॉर्ड की जांच जारी है और जिन इलाकों में यह गैंग वारदातों को अंजाम देता रहा, उनका फॉरेंसिक विश्लेषण किया जा रहा है।
बरामद सामान की फिंगरप्रिंट और डीएनए जांच से भविष्य में अन्य व्यक्तियों की पहचान भी संभव है।
कुशीनगर पुलिस की यह त्वरित और रणनीतिक कार्रवाई ओडिशा के जाजपुर से जुड़े अंतरराज्यीय गैंग के खिलाफ ठोस उदाहरण साबित हुई है। घायल बदमाशों की गिरफ्तारी, जब्त सामान और घटना के सबूत पुलिस को इस गिरोह के गिरोहबद्ध नेटवर्क की तह तक जाने में मदद देंगे। स्थानीय नागरिकों के लिए यह मुठभेड़ सुरक्षा की मजबूत नींव और एक संदेश के तौर पर काम करती है।