जानिए काशी से लेकर किसान तक यूपी का सियासी तापमान चढ़ाने वाला…

लखनऊ. यूपी में आज का दिन यानि रविवार राजनीति के हिसाब से खास है. सूबे में पश्चिमी यूपी से लेकर काशी तक, हर तरफ राजनेता अपने-अपने तरीके से रणनीति के तहत सियासी मैदान में ताल ठोकेंगे. कहीं पर सम्मेलन है तो कहीं महापंचायत हो रही है. कहीं घर-घर जाकर वोटरों को लुभाने की कोशिश होगी, तो कहीं सोशल मीडिया के जरिये वोटरों को अपने पाले में करने की कवायद चलेगी. ये सब उस बड़े मैदान को जीतने की तैयारी है, जिसकी बिसात पर पूरे देश की राजनीति का अंकगणित चलता है. मिशन 2022 के तहत मुजफ्फरनगर से लेकर कानपुर, प्रयागराज, भदोही और वाराणसी तक राजनीति के कई रंग दिखाई देंगे. यूपी मे जैसे जैसे चुनावों की घड़ी नज़दीक आ रही है, हर सियासी पार्टी अपने पैंतरे आज़माने में जुटी है.

यूपी में आज मुजफ्फरनगर में केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में किसानों की महापंचायत बुलाई गई है. इसमें भारतीय किसान यूनियन के प्रमुख राकेश टिकैत समेत कई नेता खम ठोकेंगे. दूसरी ओर प्रदेश में सत्तारूढ़ बीजेपी अपने प्रबुद्ध सम्मलेनों के जरिये रणनीति को धार देगी. इसके अलावा सपा भी एक आयोजन करने जा रही है. वहीं, बसपा दो दिन बाद लखनऊ के कार्यक्रम की तैयारी में जुटी है.

बीजेपी ने बिछाई बड़ी बिसात
इसकी सबसे बड़ी बिसात सत्ताधारी बीजेपी ने बिछाई है. बीजेपी की ओर से सूबे के 18 महानगरों में आज पार्टी के बड़े नेता प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन को संबोधित करेंगे. इसके जरिये बीजेपी अपने कोर वोटर्स को न सिर्फ संगठित करने का प्रयास करेगी, बल्कि बसपा के हाल ही में हुए प्रबुद्ध सम्मेलनों का जवाब भी देगी. ऐसा पहली बार हो रहा है जब जातिगत राजनीति को खुलेआम दिखाने की बजाये प्रबुद्ध वर्ग के नाम से सियासी पार्टियां अपने दांव खेल रही है. बीजेपी के प्रबुद्ध वर्ग सम्मेलन में शामिल होने और संबोधित करने के लिए बाकायदा बड़े नेताओं की लिस्ट बनाई गई है. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वाराणसी में, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह अयोध्या में, प्रदेश प्रभारी राधा मोहन सिंह प्रयागराज में, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या कानपुर में, संजीव बालियान गाजियाबाद में और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा शाहजहांपुर में रहेंगे.

किसानों की महापंचायत, सपा का सम्मेलन
बीजेपी के अलावा समाजवादी पार्टी भदोही में शिक्षक सम्मेलन के बहाने अपनी विचारधारा से लोगों को जोड़ने का काम करेगी. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव इस सम्मेलन में शिरकत करेंगे. अखिलेश यादव भदोही जिले में समाजवादी शिक्षक सम्मेलन के ज़रिये जनता को संदेश देने की कोशिश करेंगे कि क्यों उनकी पार्टी विधानसभा चुनावों में बेहतर विकल्प हो सकती है. दूसरी ओर, मुजफ्फरनगर में आज किसान महापंचायत है, जो कइयों के राजनीतिक हित साधेगी. इसमें किसानों के जरिये बीजेपी की घेराबंदी करने की लगातार कोशिश जारी है. इस किसान सम्मेलन में विपक्षी पार्टियां अपने-अपने तरीक़े से घी डालने का काम कर रही है, ताकि बीजेपी के खिलाफ माहौल बनने में कोई कमी ना रह जाए.

बसपा जुटी लखनऊ के कार्यक्रम की तैयारी में
बीएसपी की ओर से पहले ही राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को प्रबुद्ध सम्मेलन की जिम्मेदारी दी गई थी. अयोध्या से शुरू हुए बीजेपी के प्रबुद्ध सम्मेलन के 5वें चरण का समापन 4 सितंबर को हो गया और अब 7 सितंबर को लखनऊ में मायावती के कार्यक्रम की तैयारी चल रही है. इसमें प्रबुद्ध वर्ग के अलावा भी मायावती पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेताओं को विधानसभा जीतने का मूलमंत्र बताएंगी.

बहरहाल, सपा, बसपा और बीजेपी की जनता से जुड़ने की इस कोशिश में रविवार का दिन यूपी के लिए खास हो गया है. आने वाले चुनावों को देखते हुए इनमें से किसकी रणनीति कामयाब होती है, ये तो वक्त ही बताएगा, मगर सियासत के लिहाज से यूपी के सारे बड़े नेताओं का जमीन पर ताल ठोकने के लिए निकलना प्रदेश का सियासी तापमान बढ़ानेवाला है.

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